मध्यप्रदेश

MP विधानसभा सत्र: खाद आवंटन में गड़बड़ी के आरोपों से गूंजा सदन, मंत्री के जवाब से असंतुष्ट रहे विधायक

भोपाल (शिखर दर्शन) // मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को खाद की आपूर्ति और सहकारी बैंकों की अनुपलब्धता जैसे ग्रामीण मुद्दों पर जोरदार सियासी बहस देखने को मिली। प्रश्नकाल में बीजेपी विधायक संदीप जायसवाल ने खाद आवंटन में गड़बड़ी को लेकर अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब किसानों को खाद की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तब निजी दुकानदारों को खाद उपलब्ध कराया जाता है, जबकि कम जरूरत के समय सहकारी समितियों को आपूर्ति दी जाती है। उन्होंने अधिकारियों पर खाद वितरण में धांधली करने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

विधायक जायसवाल के सवाल पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना ने सदन को आश्वस्त किया कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के पास इस वर्ष 14 लाख मीट्रिक टन खाद उपलब्ध हुआ, जिसमें से 12 लाख मीट्रिक टन किसानों को वितरित किया जा चुका है। हालांकि मंत्री के इस जवाब से न केवल बीजेपी बल्कि कांग्रेस विधायक भी संतुष्ट नहीं दिखे।

वहीं, सिंगरौली जिले में सहकारी बैंक की अनुपलब्धता का मुद्दा भी सदन में उठा। बीजेपी विधायक रामनिवास शाह ने कहा कि जिले के गठन को 17 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन आज तक एक भी जिला सहकारी बैंक नहीं खुला है, जिससे किसानों और आम नागरिकों को 120 किलोमीटर दूर जाकर बैंकिंग सेवाएं लेनी पड़ती हैं।

इस पर सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जिला सहकारी बैंक खोलने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं, बल्कि नाबार्ड के पास होता है। फिलहाल प्रदेश के 55 जिलों में से केवल 38 में जिला सहकारी बैंक हैं। जिन जिलों में ये बैंक नहीं हैं, वहां सरकार क्षेत्रीय शाखाएं खोलने पर काम कर रही है।

सदन में उठे इन मुद्दों ने साफ कर दिया कि ग्रामीण और किसान हितों से जुड़े सवाल मानसून सत्र में सरकार के लिए चुनौती बन सकते हैं।

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