तहसीलदार संघ ने शुरू की अनिश्चितकालीन हड़ताल, 17 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार पर दबाव

रायपुर (शिखर दर्शन) // प्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। 30 जुलाई को नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर 550 से अधिक तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने प्रदर्शन किया था। तहसीलदार संघ का कहना है कि वे अब “संसाधन नहीं तो काम नहीं” के सिद्धांत पर काम करेंगे और अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार पर मजबूती से अपनी आवाज उठाएंगे।
तहसीलदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे ने बताया कि पिछले हड़ताल और प्रदर्शन के बाद भी सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया है, इसलिए यह अनिश्चितकालीन हड़ताल अनिवार्य हो गई है। उन्होंने कहा कि पर्याप्त संसाधन और सुविधाएं न मिलने के कारण काम करने में अड़चनें आ रही हैं, जिसका समाधान तुरंत किया जाना चाहिए।

तहसीलदार संघ की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
- प्रत्येक तहसील में पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति जैसे कंप्यूटर ऑपरेटर, चपरासी, पटवारी, राजस्व निरीक्षक आदि की पोस्टिंग हो।
- डिप्टी कलेक्टर पद पर प्रमोशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता हो, और 50:50 अनुपात (सीधी भर्ती व प्रमोशन) बहाल किया जाए।
- नायब तहसीलदारों को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा प्रदान किया जाए, पूर्व घोषित आदेश लागू हो।
- तहसीलदारों के वेतनमान (ग्रेड पे) में सुधार जल्द किया जाए।
- सभी तहसीलों को सरकारी वाहन और ड्राइवर की सुविधा मिले।
- निलंबन मामलों में जांच 15 दिनों के भीतर पूरी कर बहाली सुनिश्चित की जाए।
- न्यायालय के मामलों को जन शिकायत में शामिल न किया जाए।
- न्यायालयीन आदेशों पर FIR न हो, जज प्रोटेक्शन एक्ट 1985 का पालन हो।
- प्रोटोकॉल ड्यूटी से अलग न्यायालयीन कार्य के लिए अलग व्यवस्था हो।
- आउटसोर्सिंग से स्टाफ भर्ती का अधिकार तहसीलदारों को मिले।
- स्वामित्व योजना, भू-अभिलेख एवं ई-कोर्ट जैसे तकनीकी कार्यों के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर नियुक्त किए जाएं।
- SLR और ASLR की पुनः नियुक्ति हो।
- सरकारी मोबाइल नंबर प्रदान किए जाएं, निजी नंबर की गोपनीयता बनी रहे।
- हर तहसील में सुरक्षा गार्ड और फील्ड के लिए वाहन उपलब्ध कराया जाए।
- सड़क दुर्घटना में तत्काल मुआवजा देने की स्पष्ट गाइडलाइन बनाई जाए।
- संघ को सरकार से मान्यता दी जाए ताकि वार्ता और समस्याओं के समाधान में वह सहभागी बन सके।
- राजस्व न्यायालय सुधार के लिए विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया जाए।
कृष्ण कुमार लहरे ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार जल्द इन मांगों पर ध्यान नहीं देती है, तो हड़ताल और तेज की जाएगी और तहसील स्तर पर काम भी ठप हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल केवल उनके अधिकार और बेहतर संसाधनों की मांग के लिए है, जिससे जनता को सुचारु और प्रभावी सेवा मिल सके।
प्रदेश सरकार की ओर से इस हड़ताल पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।