दिल्ली

NDLS भगदड़: उत्तर प्रदेश के सभी रेलवे स्टेशन हाई अलर्ट पर, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की घटना के बाद रेलवे सतर्क, प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों पर कड़ी निगरानी

नई दिल्ली (शिखर दर्शन) // नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) पर शनिवार रात हुए भीषण हादसे के बाद उत्तर प्रदेश (UP) के सभी रेलवे स्टेशनों पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। भगदड़ में 18 यात्रियों की मौत हो गई, जिनमें बिहार के 9, दिल्ली के 8 और हरियाणा का 1 व्यक्ति शामिल है। हादसे के बाद रेलवे प्रशासन की नींद टूटी और सुरक्षा कड़े करने के निर्देश जारी किए गए। प्रयागराज जाने वाली विशेष ट्रेनों पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है।

कैसे हुआ हादसा ?

शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। महाकुंभ में संगम स्नान के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की भीड़ अचानक बेकाबू हो गई। इसी दौरान प्लेटफॉर्म पर फिसलकर गिरे एक यात्री के कारण पीछे आ रही भीड़ बुरी तरह गिरने लगी, जिससे भगदड़ मच गई।

रेलवे के अनुसार, उस समय प्लेटफॉर्म 14 पर पटना की ओर जाने वाली मगध एक्सप्रेस और प्लेटफॉर्म 15 पर जम्मू की ओर जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस खड़ी थी। प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा के कारण भी भ्रम की स्थिति बनी, जिससे भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई।

रेलवे और पुलिस ने उठाए कड़े कदम

हादसे के बाद रेलवे एडीजी प्रकाश डी ने सभी जीआरपी (GRP) पुलिसकर्मियों को स्टेशन पर तैनात रहने का निर्देश दिया है। आरपीएफ और रेलवे अधिकारियों को भीड़ नियंत्रण के लिए समन्वय बनाने को कहा गया है। सभी रेलवे फुटओवर ब्रिजों पर जीआरपी जवानों की तैनाती कर दी गई है ताकि दोबारा ऐसी कोई घटना न हो।

दिल्ली पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है और रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि भगदड़ की असली वजह क्या थी। इसके लिए स्टेशन पर हुई घोषणाओं और घटनाक्रम का पूरा डेटा जुटाया जा रहा है।

मुआवजे का ऐलान

सरकार ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों को ₹10 लाख और घायलों को ₹2.5 लाख मुआवजे की घोषणा की है। प्रशासन ने मृतकों की सूची जारी कर दी है।

प्रत्यक्षदर्शियों की दर्दनाक गवाही

स्टेशन पर कुली का काम करने वाले एक व्यक्ति ने बताया, “मैं 1981 से कुली का काम कर रहा हूं, लेकिन इतनी भीड़ पहले कभी नहीं देखी। प्लेटफॉर्म नंबर 12 से प्रयागराज स्पेशल ट्रेन रवाना होनी थी, लेकिन इसे अचानक 16 नंबर पर शिफ्ट कर दिया गया। जब भीड़ वहां पहुंचने लगी तो अफरा-तफरी मच गई और कई लोग सीढ़ियों पर गिर गए। हमने कम से कम 15 शवों को देखा और एंबुलेंस में रखवाया।”

रेलवे प्रशासन की लापरवाही या अनियंत्रित भीड़ ?

इस दर्दनाक हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या रेलवे की व्यवस्था फेल हो गई या फिर श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ इसकी वजह बनी। रेलवे की उच्च स्तरीय समिति इसकी जांच कर रही है। अगले 24 घंटे बेहद अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि यात्रियों की भारी भीड़ अब भी रेलवे स्टेशनों पर बनी हुई है।

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