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“अलविदा, मेरे मित्र और भाई मनमोहन”: मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने साझा की मनमोहन सिंह से जुड़ी दिल छू लेने वाली कहानी

कैम्ब्रिज से स्नातक, ऑक्सफोर्ड के पूर्व छात्र, प्रख्यात प्रोफेसर, वित्त मंत्री और दो बार भारत के प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह की अद्वितीय विरासत को पूरी दुनिया में सराहा गया। 26 दिसंबर को उनके निधन के बाद, भारत के आर्थिक उदारीकरण के इस महान वास्तुकार को लेकर श्रद्धांजलियों का सिलसिला जारी है।

इन्हीं श्रद्धांजलियों में, मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने डॉ. सिंह के साथ अपने व्यक्तिगत और भावनात्मक अनुभव को साझा किया, जो उनके मानवीय और संवेदनशील पक्ष को उजागर करता है।

अनवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए लिखा, “मेरे सम्मानित और प्रिय मित्र डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर मुझ पर दुख का गहरा बोझ आ गया है। यह महान व्यक्तित्व भारत के आर्थिक सुधारों के निर्माता के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री के रूप में, उन्होंने भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।”

जब कठिन समय में मित्रता बनी सहारा

1990 के दशक में मलेशिया के वित्त मंत्री के रूप में कार्य करते हुए, अनवर इब्राहिम ने डॉ. सिंह के आर्थिक सुधारों और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी अटूट प्रतिबद्धता का स्मरण किया। उन्होंने बताया कि कैसे दोनों नेताओं ने एकजुट होकर अपने-अपने देशों में बदलाव लाने का प्रयास किया।

अनवर ने डॉ. सिंह की संवेदनशीलता का जिक्र करते हुए एक घटना साझा की, जब उन्हें एक राजनीतिक साजिश के तहत जेल भेजा गया था। उस कठिन समय में, डॉ. सिंह ने अनवर के बच्चों, खासकर उनके बेटे की शिक्षा का खर्च उठाने की पेशकश की थी। यह जानते हुए भी कि यह मलेशियाई सरकार को नाराज कर सकता है, डॉ. सिंह ने अपनी दयालुता दिखाने में कोई झिझक नहीं की।

हालांकि, अनवर ने इस प्रस्ताव को विनम्रता से ठुकरा दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कार्य था जिसने उनकी मित्रता को नई ऊंचाई दी। उन्होंने लिखा, “जब मैं जेल की अंधेरी भूलभुलैया में था, तो डॉ. सिंह एक सच्चे मित्र की तरह मेरे साथ खड़े रहे। उनकी शांत उदारता ने मेरे दिल को हमेशा के लिए छू लिया।”

“अलविदा, मेरे मित्र और भाई मनमोहन”

डॉ. सिंह की इस दयालुता ने अनवर इब्राहिम पर गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह का जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।

अनवर ने अपनी भावनाओं को इन शब्दों में समेटा, “अलविदा, मेरे मित्र, मेरे भाई, मनमोहन। आप हमेशा मेरी यादों और प्रार्थनाओं में बने रहेंगे।”

डॉ. मनमोहन सिंह न केवल एक महान अर्थशास्त्री और नेता थे, बल्कि उनकी संवेदनशीलता और दयालुता ने उन्हें एक असाधारण इंसान बना दिया, जिनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी।

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