23 जुलाई श्री महाकाल श्रृंगार आरती दर्शन : पवित्र सावन मास का दूसरा दिन…

विशेष संवाददाता छमु गुरु की रिपोर्ट :
उज्जैन (शिखर दर्शन) मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पट प्रातः 4 बजे खोले गए । सबसे पहले बाबा महाकाल का पवित्र गंगा जल से अभिषेक किया गया, इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया।

श्री महाकाल को भस्म चढ़ाई गई , भांग, चंदन और त्रिपुंड अर्पित कर कलात्मक स्वर्ण आभूषणों से अद्भुत अलौकिक श्रृंगार किया गया । बाबा महाकाल ने शेष नाग का रजत मुकुट , रजत मुंडों की माला , रुद्राक्ष की माला के साथ फूलों से बनी सुगंधित माला धारण की। श्री महाकाल को अवंतिका नगरी की प्रसिद्ध मिठाइयों का भोग लगाया गया।
सुबह से ही श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती शृंगार दर्शन में शामिल होने वाले भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी , सभी ने भस्म आरती दर्शन कर आध्यात्मिक वा आत्मिक आनंद प्राप्त किया , कुछ लोगों ने बाबा के सामने सदैव उपस्थित रहने वाले नंदी महाराज के पास जा कर उनके कान में अपनी मनोकामना कह कर भोले नाथ तक पहुंचाने की गुजारिश की।

पवित्र सावन मास का दूसरा दिन होने की वजह से मंदिर में आम दिनों की तुलना में भक्तों की भीड़ अत्यधिक थी , भगवान आशुतोष की भक्ति में श्रद्धालु भाव विभोर दिखे , भोले की दीवानगी में डूबे भक्त गण बाबा के जयकारे भी लग रहे थे…. श्री महाकालेश्वर मंदिर की दसों दिशाएं “जय जय श्री महाकाल”, “हर हर महादेव”, “हर हर शंभू”, “ॐ नमः शिवाय” से गुंजयमान हो रही थी ।