14 जनवरी श्रीमहाकाल भस्म आरती दर्शन : भांग चंदन अर्पित कर सूर्य के प्रतीक चिन्ह से भगवान श्रीमहाकाल का किया गया दिव्य श्रृंगार….

उज्जैन/( शिखर दर्शन )//मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्रीमहाकालेश्वर मंदिर के पट सुबह 4:00 बजे खोले गए । सबसे पहले पवित्र गंगाजल से बाबा महाकाल का अभिषेक किया गया । इसके पश्चात दूध , दही , घी , शहद , और फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा का अभिषेक पूजन किया गया ।

श्री महाकाल को भस्म चढ़ाई गई । भांग चंदन अर्पित कर सूर्य का प्रतीक चिन्ह से बाबा का दिव्य श्रृंगार किया गया । श्रीमहाकाल ने शेषनाग के रजत मुकुट , रजत मुंडो की माला , रुद्राक्ष की माला , एवं सुगंधित पुष्पों की माला धारण की । विभिन्न प्रकार के मिष्ठानों और फलों से बाबा का भोग लगाया गया
ब्रह्ममुहूर्त के पहले से ही श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखने लायक था । बाबा की भक्ति में डूबे सभी श्रद्धालुओं ने श्रीमहाकालेश्वर भस्म आरती दर्शन का आत्मिक आनंद लाभ प्राप्त किया । इसके पश्चात श्रद्धालुओं ने बाबा के अत्यंत नजदीक माने जाने वाले नंदी महाराज के कानों में अपनी मनोकामनाएं कहीं । और बाबा तक पहुंचाने की विनम्र विनती की पूरा मंदिर श्रद्धालुओं के जयकारे “जय जय श्रीमहाकाल” , “हर हर शंभू” , “हर हर महादेव” , “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” , “ॐ नमः शिवाय” , से गुंजयमान हो रहा था ।
