15 फरवरी महाकाल आरती: रजत मुकुट, त्रिपुंड और भस्म से हुआ बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, श्रद्धालुओं ने किए अलौकिक दर्शन

उज्जैन (शिखर दर्शन) // विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर शनिवार सुबह दिव्य आरती और श्रृंगार के साथ भगवान महाकालेश्वर का भव्य पूजन संपन्न हुआ। तड़के 4 बजे मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही बाबा महाकाल का जल, दूध, दही, घी, शहद और विभिन्न फलों के रस से अभिषेक किया गया। इसके पश्चात भक्तों की उपस्थिति में पंचामृत से भगवान का विशेष अभिषेक पूजन हुआ।
परंपरा के अनुसार, बाबा महाकाल को विशेष रूप से चंदन, त्रिपुंड और भस्म से विभूषित किया गया। इसके बाद शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला तथा सुगंधित पुष्पों से बनी भव्य माला से भगवान का दिव्य श्रृंगार किया गया। महाकाल को फल और मिष्ठान का भोग अर्पित कर विशेष पूजा-अर्चना की गई।
अल सुबह आयोजित भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और बाबा महाकाल के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। भक्तों ने नंदी महाराज के कान में अपनी मनोकामनाएं प्रकट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान पूरा मंदिर “हर हर महादेव” और “जय जय श्री महाकाल” के जयकारों से गूंज उठा, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया।