सावन के दूसरे सोमवार पर अर्धनारीश्वर स्वरूप में बाबा महाकाल का श्रृंगार: भोले भंडारी के अद्भुत दर्शन का विशेष अवसर

विशेष संवाददाता छमु गुरु की रिपोर्ट :
उज्जैन ( शिखर दर्शन ) // मध्य प्रदेश के उज्जैन मे स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सावन माह के कृष्ण पक्ष के दूसरे सोमवार पर विशेष श्रद्धा और उत्साह के साथ भगवान महाकाल का अर्धनारीश्वर स्वरूप प्रस्तुत किया गया। रात ढाई बजे मंदिर के कपाट खोले गए और सावन के इस पावन अवसर पर भगवान शिव की आरती का समय बदलकर 3 बजे कर दिया गया है

शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है !
शिव बुध्दि, शिव चित, शिव मन विभोर है !!
शिव रात्रि, शिव दिवस, शिव स्वप्न शयन है !
शिव काल, शिव कला, शिव मास-अयन है !!
शिव शब्द, शिव अर्थ, शिव ही परमार्थ है !
शिव कर्म, शिव भाग्य, शिव पुरूषार्थ है !!
शिव स्नेह, शिव राग, शिव ही अनुराग है !
शिव कली, शिव कुसुम, शिव ही पराग है !!
शिव भोग, शिव त्याग, शिव तत्व ज्ञान है !
शिव भक्ति, शिव प्रेम, शिव ही विज्ञान है !!
शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष, शिव परम साध्य है !
शिव जीव, शिव बह्मा, शिव ही आराध्य है !!
मंदिर में सबसे पहले भगवान महाकाल का पवित्र गंगा जल से अभिषेक किया गया, इसके बाद पंचामृत से अभिषेक पूजन हुआ जिसमें दूध, दही, घी, शहद, और फलों के रस शामिल थे। मान्यता है कि श्रावण माह में शिव आराधना से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
आज के विशेष दिन पर महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की भस्म आरती की गई। इस अवसर पर बाबा को पवित्र गंगा जल से नहलाकर महा पंचामृत अभिषेक किया गया, और फिर अर्धनारीश्वर स्वरूप में बाबा को भांग चंदन और त्रिपुण्ड अर्पित कर अद्भुत अलौकिक शृंगार किया गया । भगवान महाकाल को सुंदर वस्त्र धारण कराए गए और भस्म चढ़ाई गई। श्री आशुतोष को अनेक प्रकार के फलों के साथ अवन्तिका नगरी की स्वादिष्ट एवं प्रसिद्ध मिठाइयों का भोग लगाया गया ।
भस्म आरती के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े और शंखनाद के साथ बाबा की भस्म आरती की गई। भक्तों ने आज के दिन का बेसब्री से इंतजार किया था, और महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का वातावरण बना रहा।

सभी भक्त बाबा की दीवानगी मे नजर आए , कई श्रद्धालु बाबा के सामने सदैव प्रस्तुत रहने वाले नंदी महराज के समीप जा कर उनके कान मे अपने मन की बात बोल कर भोले नाथ तक पहुचाने की विनती कर रहे थे । आधी रात से ही श्री महाकाल मंदिर मे भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी , भक्ति भाव मे विभोर भक्त गण बाबा के जयकारे लगा रहे थे पूरा मंदिर जय जय श्री महाकाल , हर हर महादेव , हर हर शंभू , ॐ नमः शिवाय से गुंजयमान हो रहा था ।