छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में 13 लाख रुपये की इनामी महिला नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
पुलिस की पुनर्वास योजना से हुई प्रभावित , कई नक्सली गतिविधियों में थी शामिल
कवर्धा ( शिखर दर्शन ) // छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में एक बड़ी खबर सामने आई है। 13 लाख रुपये के इनाम की आरोपी महिला नक्सली रनीता उर्फ हिड़मे कवासी ने आत्मसमर्पण कर दिया है। सुकमा जिले की निवासी रनीता 2016 से नक्सलियों के साथ सक्रिय रही हैं और इस दौरान कई नक्सली गतिविधियों में शामिल रही हैं।
रनीता के आत्मसमर्पण की जानकारी एसपी अभिषेक पल्लव और कलेक्टर जन्मेजय मोहबे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दी। पुलिस ने बताया कि रनीता ने शासन की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर यह कदम उठाया। आत्मसमर्पण के बाद रनीता को पुलिस की पुनर्वास योजना के तहत 25 हजार रुपये का चेक भी प्रदान किया गया।
रनीता ने एम् एम् (मास कमेटी) के क्षेत्र के गोंदिया-राजनंदगांव-बालाघाट और जीआरबी डिवीज़न के अंतर्गत टांडा/मलाजखंड एरिया कमेटी के सदस्य के रूप में काम किया। उस पर छत्तीसगढ़ में 5 लाख रुपये, मध्यप्रदेश में 3 लाख रुपये और महाराष्ट्र राज्य में 5 लाख रुपये का कुल 13 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
रनीता के खिलाफ मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में कुल 19 और छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में 3 अपराध दर्ज हैं। उसकी आत्मसमर्पण की खबर से सुरक्षा बलों में राहत की लहर है और यह नक्सल गतिविधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
आत्मसमर्पित महिला नक्सली का संगठन में कार्यकाल:
- जून 2016: किस्टाराम एरिया में बाल संगम में शामिल हुईं।
- 2017: संगठन में पूर्ण सदस्य बनीं और 6 महीने किस्टाराम क्षेत्र में सक्रिय रहीं।
- सितंबर 2017: संगठन के विस्तार के लिए एमएमसी जाने कोतुल एरिया में पहुंचीं और माड़ क्षेत्र से 20 लोगों के साथ एमएमसी में आकर टांडा एरिया पहुंचीं।
- अक्टूबर 2017 से 2020: टांडा एरिया कमेटी में सक्रिय रहीं।
- 2021: टांडा एरिया कमेटी को समाप्त कर मलाजखंड और दर्रेकसा में शामिल करने के बाद मलाजखंड एरिया कमेटी में सदस्य के रूप में जनवरी-फरवरी 2024 तक सक्रिय रहीं।
- मलाजखंड एरिया में: एसजेडसीएम/डिवीजन सचिव विकास नागपुरे के साथ रही।
- 2022: संगठन में मलाजखंड एरिया कमेटी कमांडर के साथ शादी हुई, जो एक साल बाद टूट गई।
- संगठन छोड़ने का कारण: छोटे स्तर के कैडर के साथ भेदभाव और दुरव्यवहार के कारण संगठन से अलग हो गईं।
- धारित हथियार: 12 बोर
- अपराधिक रिकॉर्ड: खैरागढ़-छुईखदान-गंडई क्षेत्र में 3 और बालाघाट (मध्यप्रदेश) क्षेत्र में 19 माओवादी घटनाओं में शामिल रही हैं।