यूपी में BJP की हार का जिम्मेदार कौन… ? महामंथन में उजागर होगा असली राज…. ! हाईकमान को शक्ल दिखाएंगे प्रदेशभर के नेता
लखनऊ ( शिखर दर्शन ) // लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम ने बीजेपी को चौंकाया । खासतौर पर उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा । पार्टी की उम्मीदें यूपी से सबसे ज्यादा थीं , लेकिन 29 सीटों की हार ने उन्हें निराश कर दिया । अब हार के बाद संगठन और सरकार में बैठकें चल रही हैं , जिसमें हर पहलू पर समीक्षा हो रही है। इसी बीच रविवार को लखनऊ में एक महत्वपूर्ण प्रदेश कार्यकारिणी बैठक होने की सूचना है । जहां तीन प्रस्ताव पेश किए जाएंगे ।
बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष पिछले हफ्ते लखनऊ में दौरे पर थे , जहां यूपी की प्रदेश कार्यकारिणी का एजेंडा तय हो गया था। पहले तय हुआ था कि इस बैठक में मंडल अध्यक्षों को भी बुलाया जाएगा , लेकिन बाद में इस फैसले में बदलाव हुआ । अब बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी में मंडल अध्यक्षों को बुलाने की घोषणा नहीं की गई है। इस बैठक का उद्घाटन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे , जिसमें बीजेपी के सभी सांसद , विधायक और लोकसभा उम्मीदवार शामिल होंगे ।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीजेपी की इस कार्यकारिणी बैठक में 3 प्रस्ताव पेश किए जाने की संभावना है । पहले प्रस्ताव में राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होगी , जिसके तहत बताया जाएगा कि तीसरी बार मोदी सरकार बनने पर जनता का धन्यवाद ज्ञापित किया जाए । इस प्रस्ताव के माध्यम से बयान दिया जाएगा कि देश का जनादेश बीजेपी के साथ है ।
कार्यकारिणी की बैठक में एक आर्थिक प्रस्ताव पेश किए जाने की खबर है। इसमें देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था पर चर्चा होगी और सरकार के उपलब्धियों का जिक्र किया जाएगा । दूसरा प्रस्ताव सोशल मीडिया को लेकर हो सकता है , जिसमें विपक्ष के झूठे नैरेटिव की चर्चा होगी। इसमें बताया जाएगा कि विपक्ष ने कैसे संविधान बदलने और आरक्षण को खत्म करने का भ्रम फैलाया है , जिसके कारण पार्टी को चुनाव में नुकसान हुआ है ।
बीजेपी ने हार के बाद एक स्पेशल 40 टीम का गठन किया था , जिसका मुख्य उद्देश्य हार के कारणों का विश्लेषण करना था । इस टीम ने अपनी रिपोर्ट बीजेपी हाईकमान को सौंप दी है , जिसके बाद से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायकों से चर्चा और फीडबैक लिया है । अब तक चुनाव में हुई बड़ी हार की जवाबदेही के बारे में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है , इस पर खास तौर पर मंथन करने की जरूरत महसूस की जा रही है ।