डोंगरगढ़ में कांग्रेस की जीत , अविश्वास प्रस्ताव फेल, ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न, जानें किसे मिले कितने वोट
खैरागढ़( शिखर दर्शन) छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद से डोंगरगढ़ नगर पालिका में राजनीतिक उथल-पुथल चल रही थी। कांग्रेस समर्थित पालिका अध्यक्ष के खिलाफ आज अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ, जिसमें प्रस्ताव गिर गया और अध्यक्ष पद बरकरार रहा।
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अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 15 पार्षदों ने वोट किया, जबकि विपक्ष में 8 वोट पड़े। प्रस्ताव पास करने के लिए दो तिहाई बहुमत, यानी 16 वोट की आवश्यकता थी। इस तरह, कांग्रेस के सुदेश मेश्राम अपनी अध्यक्ष की कुर्सी बचाने में सफल रहे। इसके बाद कांग्रेस पार्टी में खुशी का माहौल है।
बता दें कि सत्ता परिवर्तन के बाद नगर पालिका उपाध्यक्ष उमा महेश वर्मा एक निर्दलीय पार्षद के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद से कांग्रेस की शहर सरकार पर खतरा मंडराने लगा था। भाजपा ने अपने पार्षद दल के साथ कांग्रेस समर्थित पालिका अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया, जो आज फेल हो गया।
भाजपा और कांग्रेस के 10-10 पार्षदों तथा 3 निर्दलीय पार्षदों ने मतदान किया।
डोंगरगढ़ नगर पालिका, जिसमें 24 वार्ड शामिल हैं, के पिछले चुनाव में कांग्रेस के 11, भाजपा के 10, और तीन निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए थे। निर्दलीय पार्षद अनीता इंदुलकर भाजपा में शामिल हो गईं, जिससे भाजपा और कांग्रेस की स्थिति बराबरी पर आ गई।
बाद में, दो निर्दलीय पार्षदों के सहयोग से कांग्रेस के सुदेश मेश्राम अध्यक्ष और निर्दलीय पार्षद उमा महेश वर्मा उपाध्यक्ष चुने गए। वर्तमान स्थिति में एक कांग्रेस पार्षद की मृत्यु के बाद कांग्रेस की संख्या कम हो गई है।
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