बस्तर संभाग

दोहरे हत्याकांड का 24 घंटे के भीतर हुआ खुलासा, छोटे बेटे ने ही मां और भाई की करी हत्या ,  इस वजह से अंजाम दिया खौफनाक वारदात को।

जगदलपुर ( शिखर दर्शन ) // छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड का पुलिस ने 24 घंटे के अंदर खुलासा कर दिया है। जगदलपुर के अनुपमा चौक स्थित एक घर में मां और बेटे की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के पीछे कोई बाहरी व्यक्ति नहीं था बल्कि घटना में घायल हुए छोटे बेटे नितेश गुप्ता का हाथ है। उसने ही इस खौफनाक हत्या को अंजाम दिया और पुलिस को गुमराह करने के लिए डकैती की कहानी गढ़ी।

हत्याकांड का खुलासा करते हुए एसपी सलभ सिन्हा ने बताया कि घटना के बाद जब पुलिस घायल नितेश गुप्ता का बयान ले रही थी, तो उसने बार-बार अलग-अलग बयान दिए। इसके कारण उसका बयान मेल नहीं खा रहा था, जिससे पुलिस को उस पर संदेह हुआ। पुलिस की गठित टीम ने सीसीटीवी फुटेज और आसपास के लोगों से पूछताछ कर पुख्ता जानकारी हासिल की। फिर से जब पुलिस ने नितेश गुप्ता से पूछताछ की, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

उसने बताया कि कुछ दिनों से दोनों भाइयों के बीच संबंध अच्छे नहीं चल रहे थे और लगातार लड़ाई-झगड़े हो रहे थे। इन विवादों का कारण शादी और प्रोपर्टी से जुड़े मुद्दे थे। 11 जुलाई की रात भी जब वे घर में सो रहे थे, तो दोनों भाइयों के बीच झड़प हुई। आवेश में आकर नितेश ने तवा उठाकर अपने बड़े भाई पर हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गया। दोनों भाइयों के विवाद के बीच में मां उन्हें शांत कराने आई, लेकिन छोटे बेटे ने बर्तन से उन पर भी हमला कर दिया, जिससे वह भी घायल हो गईं। इसके बाद लहूलुहान पड़े बड़े भाई और मां की रस्सी से गला घोंटकर नितेश ने हत्या कर दी। हत्या के बाद अपने आप को बचाने के लिए उसने डकैती जैसी माहौल बनाया, खुद को रस्सी से बांधा और पुलिस को गुमराह करने के लिए एक झूठी कहानी गढ़ी।

यह है पूरी घटना:

कोतवाली थाना क्षेत्र के अनुपमा चौक निवासी गायत्री गुप्ता (50 वर्ष) अपने दो बेटों, नीलेश गुप्ता (32 वर्ष) और नितेश गुप्ता (29 वर्ष), के साथ रहती थीं। वह घर के सामने एक छोटी सी दुकान चलाती थीं। हर रोज की तरह 11 जुलाई की सुबह जब आसपास के लोगों ने गायत्री गुप्ता को नहीं देखा तो उन्होंने घर का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। शक होने पर लोगों ने डायल 112 को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही इस 112 की टीम मौके पर पहुंची और देखा कि दरवाजा अंदर से बंद था। टीम ने दूसरे भवन से घर के पीछे से दाखिल होकर दरवाजा खोला। अंदर मां और बेटे की लाश पड़ी हुई थी, जबकि छोटा बेटा नितेश बाथरूम के पास घायल अवस्था में पड़ा था और उसके हाथ-पैर बंधे हुए थे। नितेश को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मामले की जांच के लिए एसपी ने तुरंत चार अलग-अलग जांच टीमें गठित कीं।

**दोहरे हत्याकांड के आरोपी ने गढ़ी वारदात की झूठी कहानी**

 गुप्ता परिवार के दोहरे हत्याकांड में घायल छोटे बेटे नितेश गुप्ता को घटना के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। नितेश की स्थिति बेहतर होने पर पुलिस ने उसका बयान लिया। प्रारंभिक बयान में उसने बताया कि देर रात चार लोग घर में घुसे थे और त्रिशला ज्वेलर्स में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान नितेश की नींद खुल गई और उसके जोर से चिल्लाने पर चारों ने उसे बांध दिया और पीटा। इस बीच, नितेश की आवाज सुनकर मां और बड़ा भाई नीलेश भी जाग गए और उसके कमरे में पहुंच गए। हमलावरों ने दोनों पर हथौड़े से हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।

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