ट्रेन से कटने के लिए ट्रैक पर लेट गया युवक , ट्रेन से पहले पहुंच गई पुलिस , बचा ली जान , SP ने पुलिस कर्मियों को किया सम्मानित ….
बिलासपुर// बिल्हा//( शिखर दर्शन)// जिंदगी की जद्दोजहद से तंग आकर मानसिक तनाव में आते हुए एक युवक बिलासपुर मंडल के चकरभाठा रेलवे स्टेशन के ओवरब्रिज के नीचे रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या करने की नीयत से रेलवे लाइन पर लेट गया था । जिसे स्थानीय लोगों ने देखा और तुरंत 112 के माध्यम से पुलिस को इसकी सूचना दी । सूचना मिलते ही डायल 112 के आरक्षक 1495 त्रिलोक सिंह और चालक चंचल धुरी ने ट्रेन से भी पहले मात्र 3 मिनट में मौके पर पहुंचकर युवक की जान बचाई । जैसे ही पुलिस युवक को रेलवे लाइन से उठाकर अलग करी है वैसे ही इस लाइन में ट्रेन आ गई ।
बताया जा रहा है कि अगर पुलिस कुछ पल की देरी करती तो उस ट्रैक पर ट्रेन आ चुकी थी , और युवक की जान चली जाती । इसके बाद युवक को स्थानीय पुलिस की मदद से परिजनों के सुपुर्द कर भविष्य में कभी भी इस तरह का कदम ना उठाने की सलाह देते हुए शांतिपूर्ण जीवन यापन करने की समझाएं दी गई । अक्सर कहा जाता है कि घटना घटित हो जाने के बाद ही पुलिस मौके पर पहुंचती है । लेकिन गुरुवार को चकरभाठा क्षेत्र के इस मामले में पुलिस ने जिस तरह तत्परता दिखाई है वह प्रशंसनिक योग्य है । जिससे प्रभावित पुलिस अधीक्षक बिलासपुर ने आरक्षक 1495 त्रिलोक सिंह एवं चालक चंचल धुरी के काम की सराहना करते हुए उन्हें पुरस्कृत भी किया है ।
इस घटना के बाद अब सवाल यह उठता है कि क्या यदि कोई व्यक्ति मौके पर आत्महत्या करने की कोशिश कर रहा है और वह भी रेलवे ट्रैक पर लेट कर… तब स्थानी लोगों ने उसे स्वयं उठाकर ट्रैक से अलग करना छोड़ पुलिस की जिम्मेदारी समझ कर 112 में कॉल मात्रा करके पुलिस बचाने आएगी ऐसा समझ कर इंतजार कर रहे थे । जबकि स्थानीय लोगों की भी जिम्मेदारी बनती थी कि वह भी पुलिस के आने के पहले मामले का निपटारा स्वयं भी कर सकते थे । हर मामले में पुलिस को जिम्मेदार ठहरना और दोषी ठहरना गलत मानसिकता का परिचय भी होता है । बहरहाल इस मामले में स्थानीय नागरिकों की भी स्वयं की अपनी जिम्मेदारी बनती थी , जो उन्होंने नहीं निभाई और गेंद पुलिस के पाले में डाल दी ।