मध्यप्रदेश

शहडोल स्वास्थ्य विभाग में बाबू ने किया लाखों का घोटाला… कर्मचारियों का वेतन अपनी पत्नी के खाते में किया ट्रांसफर…. विभागीय जांच जारी….

शहडोल //(शिखर दर्शन)// मध्य प्रदेश के जिला शहडोल में “जिस डाल पर बैठा था उस डाल को ही काट रहा था वाली कहावत सिद्ध हो गई है” यहां स्वास्थ्य विभाग के एक बाबू ने सरकारी पैसों का हिसाब किताब रखने में ऐसी हेरा फेरी की है कि उसने विभाग के कई कर्मचारियों का वेतन अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर करता था । जिसकी जानकारी संभाग के कोषालय टीम को लगी । तब यह गड़बड़ी पकड़ी गई , जबसे कोषालय की टीम मामले की जांच में जुटी है तब से संबंधित बाबू फरार है ।

40 लाख से अधिक का किया घोटाला :

जानकारी के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय शहडोल में सत्येंद्र चक्रवर्ती मुख्य लेखापाल राकेश श्रीवास्तव के सहायक (बाबू ) के रूप में पदस्थ हैं । जबकि उनकी पत्नी शहरी क्षेत्र शहडोल में ही ANM है। स्वास्थ्य विभाग का बाबू सत्येंद्र चक्रवर्ती 2018 से अब तक 22 स्वास्थ्य कर्मियों का TA , DA एवम areas के करीब 40 लाख रुपए जालसाजी करते हुए अपने एवं अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर लिया । विभाग के कई कर्मचारियों का वेतन अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर किया करता था । कर्मचारियों के लगाए गए वेतन बिल का भुगतान उनके खातों में ना डालकर खुद की पत्नी के अकाउंट में ट्रांसफर करता था । इस दरमियान सत्येंद्र चक्रवर्ती ने विभाग में 40 लाख से अधिक रुपए का घोटाला किया है ।

कुछ दिनों पहले जब बाबू सत्येंद्र की जालसाजी को रीवा स्थित कोष एवं लेखा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने पकड़ा तो उनके कान खड़े हो गए । इसके बाद वहां से इस मामले की जांच के लिए 6 सदस्य टीम मंगलवार सुबह CMHO कार्यालय शहडोल पहुंची और सीएमएचओ डॉक्टर ए. के. लाल को जानकारी देते हुए जांच कार्यवाही शुरू की ।

जांच के दौरान रीवा कोषालय की टीम ने यह गड़बड़ी सत्य पाई है । फिलहाल टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है घोटाले के आरोपों में घिरे बाबू सत्येंद्र चक्रवर्ती फरार बताएं जा रहे हैं

सीएमएचओ डॉ. ए. के. लाल ने कलेक्टर शहडोल को जानकारी देने के साथ ही कोतवाली थाने में इस घोटाले की सूचना दर्ज कराई है । बताया गया है कि 6 साल में सत्येंद्र चक्रवर्ती द्वारा लगभग 40 लख रुपए से ज्यादा की राशि स्वयं व अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर किया गया है ।मामला सामने आने के बाद से बाबू सत्येंद्र फरार बताया जा रहा है ।

इस संबंध में थाना कोतवाली प्रभारी राघवेंद्र द्विवेदी ने बताया कि सीएमएचओ ने उन्हें जानकारी दी है । उन्होंने कहा कि हमने उन्हें विभागीय स्तर पर जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने कहा है , तत्पश्चात आगे कानूनी कार्यवाही की जाएगी ।

सत्येंद्र का जालसजी करने का तरीका :

विभाग के कर्मचारियों के वेतन बिल लगाए जाने के समय आरोपी बाबू सत्येंद्र चक्रवर्ती कर्मचारी का नाम तो सही लिखता था लेकिन बैंक खाता नंबर कर्मचारियों के स्थान पर स्वयं अथवा अपनी पत्नी का डालकर मोबाइल नंबर भी फीड कर देता था इससे ओटीपी उसके मोबाइल में आने के बाद खाता अपने आप ही अपडेट हो जाता था । और वेतन की राशि स्वत: ही ट्रांसफर हो जाती थी ।

      इस पूरे मामले में जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ए. के. लाल से जानकारी मांगी गई तब उन्होंने कहा कि रीवा कोषालय की टीम जांच करने आई है । जांच रिपोर्ट के बाद ही सच्चाई सामने आएगी । पुलिस को मामले की जानकारी हमने दे दी है ।

जालसाज सत्येंद्र की कहानी :

मूलत: दमोह / सागर निवासी सत्येंद्र चक्रवर्ती की नियुक्ति अपने पिता की जगह “अनुकंपा नियुक्ति” के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोहपारू में “रिकॉर्ड कीपर”(Record keeper) के पद पर हुई थी ।

पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति पाए सत्येंद्र को उनके मूल स्थान से सन 2018 में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शहडोल के लेखा विभाग में संलग्न किया गया । जो की तब से आज तक मुख्य लेखापाल राकेश श्रीवास्तव के अधीनस्थ कार्यरत है । इन्हें श्री श्रीवास्तव के अधीनस्थ एवं मार्गदर्शन में लेखा से संबंधित कार्यों का “रिकॉर्ड संधारण” करने का दायित्व सौंपा गया था । ऐसे में अब सवाल उठता है की बाबू सत्येंद्र का कारनामा उनके वरिष्ठ लेखापाल श्री श्रीवास्तव की नजरों से कैसे चूक गया ?

बताया जा रहा है की महज सन 2018 में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में आए इस रंगरूट ने बेइंतेहा चल अचल संपत्ति अर्जित कर ली …. जिला एवं ब्लॉक स्तर में इन्होंने कई भूखंड खरीदे जो कि उनके परिवार के सदस्यों के नाम से होना बताया जा रहा है ।

पत्नी भी सरकारी कर्मचारी :

विलासिता के प्रेमी बाबू सत्येंद्र चक्रवर्ती की पत्नी छाया चक्रवर्ती भी सरकारी मुलाजिम है । जिनकी मूल पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोहपारु जिला शहडोल है जो की वर्तमान में अर्बन पीएचसी गांधी चौक शहडोल में संलग्न ( attachment ) में है ।

जांच में आ सकते हैं कई और सामने

कोषालय से आई रीवा टीम के अनुसार सरकारी पैसे की इस कदर हेरा फेरी में बाबू सत्येंद्र चक्रवर्ती को किसी अन्य व्यक्ति का भरपूर सहयोग मिल रहा है, ऐसा अंदेशा भी जताया जा रहा है । फिलहाल जांच टीम की निगाहें अभी पर्दे के पीछे से सपोर्ट करने वालों को तलाश रही है । देखना यह है कि सरकारी पैसों की हेरा फेरी करने वाले सरकारी बाबू की वर्तमान चल एवं अचल संपत्ति की जांच होती है या नहीं ।

इतना बड़ा फर्जीवाड़ा और वरिष्ठ को पता ही नहीं :

शहडोल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में हुए इस फर्जीवाड़े की जांच में देखना यह है कि जांच टीम कहां तक पारदर्शिता बरतती है । और बाबू सत्येंद्र चक्रवर्ती जिनके अधीनस्थ कार्य कर रहे थे , उस मुख्य लेखापाल को जांच के दायरे में लेती है भी या नहीं , क्योंकि बिना वरिष्ठ की जानकारी के यह सब कैसे संभव हुआ यह सोचने का विषय है ।

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