बीएसई के शेयर में जोरदार उतार-चढ़ाव, शुरुआती बढ़त के बाद 2% से ज्यादा गिरावट

मुंबई (शिखर दर्शन) // शुक्रवार 8 अगस्त को बीएसई लिमिटेड के शेयर ने ट्रेडिंग की शुरुआत 1% की बढ़त के साथ की और ₹2,500 के स्तर को छुआ। लेकिन बाजार खुलने के कुछ ही घंटों में रुझान बदल गया और दबाव बढ़ते-बढ़ते शेयर 2.22% लुढ़ककर ₹2,382 के निचले स्तर पर आ गया। पिछले कारोबारी दिन यह ₹2,442 पर बंद हुआ था।
गिरावट के पीछे दो अहम वजहें
मार्केट विशेषज्ञों के मुताबिक, बीएसई के शेयर में इस उतार-चढ़ाव की दो मुख्य वजहें रहीं—
- कंपनी के वित्त वर्ष 2026 के जून क्वार्टर का रिजल्ट
- प्रमुख ब्रोकरेज हाउस की नई रेटिंग्स और टारगेट प्राइस
जेफरीज ने घटाया टारगेट
ग्लोबल ब्रोकरेज जेफरीज ने रिजल्ट के बाद बीएसई के शेयर का टारगेट घटाकर ₹2,790 कर दिया और ‘होल्ड’ की सलाह दी। जेफरीज के अनुसार, कंपनी का प्रॉफिट अनुमान के अनुरूप रहा, जो कम नेट क्लीयरिंग कॉस्ट और ऊंची ‘अदर इनकम’ से संभव हुआ, लेकिन ऑपरेटिंग रेवेन्यू अनुमान से लगभग 58% कम रहा, जिससे ग्रोथ पर असर पड़ा।
गोल्डमैन सैक्स और मोतीलाल ओसवाल का रुख
गोल्डमैन सैक्स ने ‘न्यूट्रल’ रेटिंग बरकरार रखी और प्रति शेयर ₹2,550 का टारगेट दिया। उनका अनुमान था कि EPS 11.8% रहेगा, लेकिन कम ऑपरेटिंग खर्चों से यह 12.8% हो गया।
मोतीलाल ओसवाल ने भी ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी और ₹2,600 का टारगेट सेट किया। साथ ही, उन्होंने वित्त वर्ष 2026 के अर्निंग अनुमान में 7% की बढ़ोतरी की, जो कंपनी की संभावित स्थिरता को दर्शाता है।
तगड़ा मुनाफा, जोरदार रेवेन्यू ग्रोथ
कंसोलिडेटेड आधार पर बीएसई लिमिटेड का जून क्वार्टर नेट प्रॉफिट ₹539 करोड़ रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के ₹265 करोड़ से 103% अधिक है। वहीं, रेवेन्यू ₹601 करोड़ से बढ़कर ₹958 करोड़ हो गया, यानी सालाना आधार पर 59% की वृद्धि दर्ज हुई।