मध्यप्रदेश

राजस्व अधिकारियों का काम से इनकार: न्यायिक-गैर न्यायिक वर्गीकरण के विरोध में तहसीलदारों ने कलेक्ट्रेट में जमा कराए शासकीय वाहन

प्रशासनिक कार्यों का किया बहिष्कार, न्यायिक-वित्तीय वर्गीकरण के विरोध में जताया आक्रोश

जबलपुर (शिखर दर्शन) // मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में राजस्व अधिकारियों ने प्रशासनिक कार्यों से स्वयं को अलग कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। यह आंदोलन मध्य प्रदेश कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले चलाया जा रहा है, जिसमें तहसीलदारों ने अपने शासकीय वाहन कलेक्ट्रेट में जमा कर दिए हैं और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपनी नाराजगी जाहिर की है।

राजस्व अधिकारियों की मांग है कि उन्हें न्यायिक और गैर-न्यायिक श्रेणियों में बांटने का प्रस्ताव अनुचित है। इस निर्णय के विरोध में अधिकारियों ने पहले ही प्रमुख सचिव को सूचित कर दिया था, लेकिन भोपाल से कोई ठोस कार्रवाई न होने पर अब उन्होंने प्रशासनिक कार्यों का बहिष्कार करने का कदम उठाया है।

संघ के जिला अध्यक्ष शशांक दुबे ने स्पष्ट किया कि जब तक शासन उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करता, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय अधिकारियों के कार्यदायित्व और गरिमा दोनों को प्रभावित करता है।

इस बीच जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि मामला उच्च स्तर पर उठाया गया है और जल्द समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में राजस्व अधिकारी केवल आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्यों में सहयोग देंगे।

इस आंदोलन का असर जिले के राजस्व से जुड़े प्रशासनिक कामकाज पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है और यदि शीघ्र समाधान नहीं निकला तो यह स्थिति प्रदेशव्यापी रूप ले सकती है।

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