2 अगस्त महाकाल भस्म आरती: मयूर सी आंखों में दिखे कृष्ण, शेषनाग मुकुट में सजे बाबा, दिव्य श्रृंगार में झलकी अलौकिक छवि

उज्जैन (शिखर दर्शन) // सावन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर शनिवार तड़के श्री महाकालेश्वर मंदिर में अलौकिक भस्म आरती का आयोजन हुआ। तड़के 3 बजे मंदिर के पट खोले गए और विधिविधान से भगवान महाकाल का जल, दूध, दही, घी, शहद और पंचामृत से अभिषेक कर उनका दिव्य श्रृंगार किया गया।
इस विशेष अवसर पर भगवान महाकाल को आकर्षक श्रृंगार में सजाया गया। उनके मुख पर मयूर की तरह बनी आंखें आकर्षण का केंद्र रहीं, जिनमें “कृष्ण” लिखा गया था। महाकाल को भस्म अर्पित की गई और उनके शीश पर रजत से निर्मित शेषनाग का मुकुट विराजमान किया गया। साथ ही रजत की मुण्डमाला, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों से बनी फूलों की माला से श्रृंगार किया गया।
श्रद्धालुओं के लिए यह दर्शन अविस्मरणीय बन गया जब उन्होंने बाबा को ड्रायफ्रूट से बने भोग, फल-मिष्ठान और श्रृंगार में सजे देखा। इस दिव्य दृश्य के दर्शन करने के लिए भोर में ही सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और भस्म आरती में भाग लेकर पुण्य लाभ अर्जित किया।
नंदी महाराज के समीप जाकर श्रद्धालुओं ने अपनी मनोकामनाएं कान में कहकर पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। पूरा मंदिर परिसर “हर हर महादेव” और “जय श्री महाकाल” के उद्घोष से गूंजता रहा। भक्ति, आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण यह दृश्य हर किसी को अद्वितीय अनुभूति देने वाला रहा।