जानबूझकर गिराया गया था अहमदाबाद का विमान! एक्सपर्ट का चौंकाने वाला दावा, पीड़ित बोले – बोइंग पर करेंगे मुकदमा

अहमदाबाद (शिखर दर्शन) // अहमदाबाद में 12 जून को हुए दिल दहला देने वाले विमान हादसे को लेकर नया खुलासा सामने आया है। शुरुआती जांच रिपोर्ट और एविएशन एक्सपर्ट्स के विश्लेषण ने इस हादसे की गंभीरता और इसके पीछे की संभावित साजिश की ओर इशारा किया है। हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिजन अब न्याय की गुहार लगा रहे हैं। कई पीड़ित परिवारों ने मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जबकि कुछ ने बोइंग कंपनी के खिलाफ कानूनी लड़ाई का रास्ता चुना है।
यह हादसा एयर इंडिया के Boeing 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के साथ हुआ था, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुआ था। विमान क्रैश में कुल 270 लोगों की मौत हुई — 241 यात्री और चालक दल के सदस्य विमान में सवार थे, जबकि 19 लोग जमीन पर मारे गए। यह 2011 में बोइंग 787 के सेवा में आने के बाद से पहली घातक दुर्घटना मानी जा रही है।
एक्सपर्ट ने जताया जानबूझकर दुर्घटना का संदेह
भारत के शीर्ष एविएशन विशेषज्ञ कैप्टन मोहन रंगनाथन ने हादसे के पीछे गंभीर लापरवाही या संभवतः जानबूझकर की गई हरकत का अंदेशा जताया है। उन्होंने विमान के “फ्यूल कंट्रोल स्विच” के रन से कटऑफ में शिफ्ट होने की बात उठाई, जो सामान्य परिस्थितियों में अपने आप नहीं हो सकता। उन्होंने NDTV से बातचीत में कहा, “यह मैन्युअल प्रक्रिया है, जिसे हाथ से ही करना पड़ता है। अनजाने में ऐसा नहीं हो सकता, इसलिए यह एक जानबूझकर की गई कार्रवाई हो सकती है।”
मेडिकल हिस्ट्री पर भी उठे सवाल
कैप्टन रंगनाथन ने यह भी दावा किया कि विमान चालक दल के एक सदस्य की मेडिकल हिस्ट्री संदिग्ध थी, और वह दुर्घटना से पहले लंबी छुट्टी पर था। यह तथ्य भी इस हादसे के इर्द-गिर्द साजिश या आत्मघाती मनोवृत्ति के संकेत को बल देता है।
पीड़ित परिवार बोइंग पर करेंगे केस
इस हादसे में अपने तीन परिजन खोने वाली अहमदाबाद की उद्यमी तृप्ति सोनी ने बोइंग के खिलाफ अमेरिका में मुकदमा करने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया, “हम अमेरिका की एक कानूनी टीम की मदद से बोइंग पर केस करने जा रहे हैं। हम उस लॉ फर्म से संपर्क में हैं, जिसने पहले भी विमान हादसों में पीड़ितों की ओर से केस लड़े हैं।” उन्होंने एयर इंडिया की ओर से भेजे गए मुआवजा फॉर्म को भी स्वीकार नहीं किया।
एयर इंडिया का जवाब
एयर इंडिया की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, 10 जुलाई तक 92 परिवारों को मुआवजा दे दिया गया है और 66 अन्य मामलों की जांच की जा रही है। हालांकि, इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कई नए सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या तकनीकी गड़बड़ी से परे जाकर यह हादसा इंसानी मंशा से अंजाम दिया गया?
निष्कर्ष
अहमदाबाद विमान हादसा अब एक सामान्य दुर्घटना नहीं, बल्कि संभावित साजिश या पायलट की मानसिक स्थिति का गहन मामला बनता जा रहा है। विशेषज्ञों की राय, प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और पीड़ित परिवारों की कानूनी तैयारी इस दिशा में और भी खुलासे ला सकती है। आने वाले दिनों में यह मामला न केवल तकनीकी, बल्कि कानूनी और मानवीय दृष्टिकोण से भी चर्चा में बना रहेगा।