दिल्ली-NCR में सुबह महसूस हुए भूकंप के तेज झटके, हरियाणा के झज्जर में था केंद्रलोगों में दहशत, विशेषज्ञों ने दी सतर्क रहने की सलाह

दिल्ली (शिखर दर्शन) // गुरुवार सुबह दिल्ली-एनसीआर समेत गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद में अचानक धरती हिल उठी। सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई। झटके करीब 10 सेकंड तक जारी रहे, जिससे कई इलाकों में दहशत फैल गई और लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। जानकारी के अनुसार, भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में था। झटकों से पहले बारिश भी हो रही थी, जिससे लोगों में भय का माहौल और गहरा हो गया।
दिल्ली-एनसीआर भूकंप के लिहाज से संवेदनशील जोन-4 में आता है, जहां पहले भी समय-समय पर हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप महसूस किए जा चुके हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के झटके सामान्य भूगर्भीय गतिविधियों का हिस्सा हैं, लेकिन सतर्कता बनाए रखना आवश्यक है। आपदा प्रबंधन विभाग लगातार लोगों को सुरक्षा उपायों की जानकारी दे रहा है और भूकंप के समय घबराने के बजाय सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई है।
क्यों आते हैं भूकंप? जानिए वैज्ञानिक कारण
पृथ्वी की सतह टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है, जो निरंतर गति में रहती हैं। जब ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं या खिसकती हैं, तो उनकी सीमाओं पर भारी दबाव बनता है। यह दबाव जब अधिक हो जाता है, तो प्लेटें अचानक टूट जाती हैं और अंदर जमी ऊर्जा एक झटके के रूप में बाहर निकलती है। यही झटका ‘भूकंप’ कहलाता है।
भूकंप का केंद्र और तीव्रता क्या होती है?
भूकंप का केंद्र यानी ‘एपीसेंटर’ वह स्थान होता है जहां से कंपन की शुरुआत होती है। इस बिंदु पर झटकों की तीव्रता सबसे ज्यादा होती है और जैसे-जैसे दूरी बढ़ती है, प्रभाव घटता जाता है। यदि भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7 या उससे अधिक हो, तो उसका असर कई किलोमीटर तक महसूस किया जा सकता है।
कैसे मापा जाता है भूकंप?
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए ‘रिक्टर स्केल’ का उपयोग किया जाता है। यह स्केल भूकंप की ऊर्जा को 1 से 9 तक के पैमाने पर मापता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल भी कहा जाता है। इस माप के माध्यम से वैज्ञानिक यह जान पाते हैं कि भूकंप कितना शक्तिशाली था और उसका संभावित प्रभाव क्षेत्र कितना व्यापक है।
लोगों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
विशेषज्ञों ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों को भूकंप के प्रति सजग रहना चाहिए। भूकंप के दौरान किसी मजबूत टेबल के नीचे छिपना, दीवारों से दूर रहना, लिफ्ट का इस्तेमाल न करना, और खुले स्थान की ओर बढ़ना जैसे उपाय जीवन रक्षक साबित हो सकते हैं।
निष्कर्ष:
गुरुवार का यह भूकंप एक बार फिर याद दिलाता है कि दिल्ली-एनसीआर भूकंप की दृष्टि से जोखिम वाला क्षेत्र है। भले ही झटके हल्के रहे हों, लेकिन सतर्कता और तैयारी ही आपदा से बचाव का सबसे बेहतर तरीका है। प्रशासन और विशेषज्ञों की चेतावनी को हल्के में न लें।