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BSE के शेयरों में तेज गिरावट: सेबी के नए नियमों और ऊंचे मूल्यांकन ने घटाई रेटिंग, निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह

मुंबई (शिखर दर्शन) // शेयर बाजार इन दिनों कमजोर निवेशक भावना के दौर से गुजर रहा है, जहां किसी भी नकारात्मक खबर का असर किसी शेयर पर तत्काल देखने को मिल रहा है। हाल ही में चर्चा का केंद्र बना है BSE लिमिटेड का शेयर, जो बुधवार को शुरुआती कारोबार में 6% तक गिरा, हालांकि दिन के अंत तक थोड़ी रिकवरी हुई और यह 1.20% की गिरावट के साथ ₹2,632.60 पर बंद हुआ।

गुरुवार को भी बाजार की स्थिति कमजोर बनी रही, जहां सेंसेक्स 36.30 अंक गिरकर 81,408.36 पर और निफ्टी 6.55 अंक घटकर 24,805.50 के स्तर पर कारोबार करता दिखा।

1 सितंबर से लागू होगा सेबी का नया सर्कुलर, BSE को सबसे बड़ा झटका

BSE के शेयरों में हालिया गिरावट का मुख्य कारण बना है सेबी की नई अधिसूचना, जिसमें इक्विटी डेरिवेटिव अनुबंध की समाप्ति तिथि को मंगलवार से गुरुवार कर दिया गया है। यह बदलाव आगामी 1 सितंबर 2025 से लागू होगा। इस निर्णय के बाद निवेशकों में चिंता बढ़ गई है क्योंकि इससे BSE की डेरिवेटिव सेगमेंट में बाजार हिस्सेदारी पर असर पड़ सकता है।

शेयर का P/E अनुपात 82 के पार, ओवरवैल्यूड जोन में पहुंचा

लगातार वृद्धि के चलते BSE के शेयर का मूल्य-से-आय अनुपात (P/E Ratio) 82.13 पर पहुंच गया है, जो निवेशकों के लिए एक चेतावनी संकेत है। तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, यह शेयर अब रिट्रेसमेंट जोन में है, और ₹2,470 इसके लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन स्तर माना जा रहा है।

ब्रोकरेज हाउसों ने रेटिंग और टारगेट प्राइस में की कटौती

सेबी के फैसले का सीधा असर निवेशकों की धारणा पर पड़ा है। प्रतिष्ठित ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने BSE की रेटिंग ‘बुलिश’ से घटाकर ‘न्यूट्रल’ कर दी है और टारगेट प्राइस ₹2,300 निर्धारित किया है। ब्रोकरेज का अनुमान है कि डेरिवेटिव एक्सपायरी में बदलाव से BSE की 22.6% की मौजूदा बाजार हिस्सेदारी में 350 से 400 बेसिस प्वाइंट्स की गिरावट हो सकती है।

इसी प्रकार, गोल्डमैन सैक्स ने भी BSE को ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस ₹2,430 रखा है। उनका कहना है कि इस बदलाव के चलते कंपनी की प्रति शेयर आय (EPS) में लगभग 8% की गिरावट का जोखिम है।

आय अनुमानों में भी भारी कटौती

मोतीलाल ओसवाल ने FY26 और FY27 के लिए BSE की औसत दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम (ADTO) के अनुमानों को घटाकर 137 बिलियन और 157 बिलियन रुपये कर दिया है। इसके साथ ही दोनों वित्त वर्षों की आय में क्रमशः 9% और 12% की कटौती की गई है।

निवेशकों के लिए सलाह: सतर्क रहें, नया निवेश सोच-समझकर करें

तकनीकी दृष्टि से BSE का शेयर इस समय ओवरबॉट ज़ोन में है और मूल्यांकन के लिहाज से भी महंगा माना जा रहा है। वहीं, नियामकीय बदलावों का प्रतिकूल असर इसके डेरिवेटिव कारोबार पर पड़ सकता है।

ऐसे में मौजूदा निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है, जबकि नए निवेशकों को किसी भी निर्णय से पहले तकनीकी और मौलिक विश्लेषण अवश्य करना चाहिए। बाजार में अस्थिरता के इस दौर में धैर्य और विवेक ही सबसे बड़ी पूंजी है।

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