30 अप्रैल महाकाल आरती: बाबा महाकाल का त्रिपुंड व शेषनाग से दिव्य श्रृंगार, घर बैठे करें अद्भुत दर्शन

उज्जैन (शिखर दर्शन) // वैशाख मास की शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि पर बुधवार की भोर में श्री महाकालेश्वर मंदिर के कपाट ब्रह्ममुहूर्त में प्रातः 4 बजे खोले गए। कपाट खुलते ही सबसे पहले भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया गया। इसके बाद परंपरानुसार दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से विशेष अभिषेक किया गया।
श्रद्धा और भक्ति के इस दिव्य माहौल में बाबा महाकाल को चंदन, भस्म, भांग और रुद्राक्ष के साथ भव्य श्रृंगार अर्पित किया गया। खास आकर्षण रहा भगवान का रजत निर्मित शेषनाग मुकुट, रजत मुण्डमाल और सुगंधित पुष्पों की दिव्य माला। त्रिपुंड धारण किए बाबा महाकाल का स्वरूप श्रद्धालुओं को अद्भुत अनुभूति प्रदान कर रहा था।
भस्म आरती के दौरान सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर में उपस्थित रहे। भक्तों ने नंदी महाराज के कान में अपनी मनोकामनाएं व्यक्त कीं और बाबा महाकाल से जीवन में मंगलकामना का आशीर्वाद मांगा। मंदिर परिसर ‘हर हर महादेव’, ‘जय श्री महाकाल’ और ‘ॐ नमः शिवाय’ के जयघोषों से गूंज उठा।
श्रद्धालु जो मंदिर में प्रत्यक्ष रूप से नहीं पहुंच सके, वे ऑनलाइन माध्यमों से घर बैठे बाबा के दिव्य रूप के दर्शन कर पुण्य लाभ ले रहे हैं।