पहलगाम आतंकी हमले की सनसनीखेज कहानी: धर्म पूछने के बाद आतंकियों ने कलमा पढ़ने को कहा और फिर मारी गोली, हिंदुओं को खास तौर पर निशाना बनाकर गोलीबारी की

दिल दहला देने वाला हमला: जम्मू-कश्मीर में 26 लोग मारे गए, आतंकियों का टारगेट हिंदू पुरुष
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिसमें अधिकांश हिंदू नागरिक शामिल थे। मंगलवार दोपहर को पहलगाम के बैसारन घाटी इलाके में सेना की वर्दी पहने दो आतंकवादियों ने आतंक मचाया। ये आतंकवादी वहां आए और लोगों से धर्म पूछने लगे, साथ ही जबरन उन्हें कलमा पढ़ने के लिए कहा। जो लोग कलमा नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई।
हिंदुओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया
घटना में बचे लोगों के अनुसार, आतंकवादियों ने विशेष रूप से पुरुषों को निशाना बनाया और उन्हें जबरन कलमा पढ़वाने की कोशिश की। जो लोग इस आदेश का पालन नहीं कर पाए, उन्हें मारा गया। आतंकवादी लोकल पुलिस की वर्दी में थे और मास्क भी पहने हुए थे। हमले के दौरान पर्यटकों की स्थिति काफी भयावह रही, और उनके सामने उनके परिजनों को गोली मारी गई।
कानपुर के शुभम द्विवेदी की पत्नी के सामने हत्या
कानपुर के सीमेंट कारोबारी शुभम द्विवेदी भी इस हमले में मारे गए। उनकी पत्नी एशान्या के सामने ही आतंकवादियों ने उन्हें गोली मारी। शुभम अपनी पत्नी और परिवार के साथ पहलगाम घूमने आए थे। शुभम की पत्नी ने बताया कि हमले के बाद भागदौड़ मच गई थी और वे घबराई हुई थीं।
PM मोदी ने सऊदी अरब दौरा रद्द किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले के बाद सऊदी अरब का अपना दौरा रद्द कर दिया और स्वदेश लौट आए। घटना के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों से तत्काल राहत कार्य शुरू करने को कहा।
वर्ल्ड लीडर्स ने जताया दुख
इस हमले के बाद दुनियाभर के नेताओं ने शोक जताया है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी शामिल हैं। इन नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता की बात की और मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।
हमले का तरीका 26/11 जैसा था
एक पीड़ित ने बताया कि आतंकवादी मुंबई के 26/11 हमले की तरह हमला करने आए थे। उन्होंने पूरी तरह से आतंक का माहौल बना दिया था और पर्यटकों को अपने निशाने पर लिया था। घटना के बाद सेना और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
यह हमला जम्मू-कश्मीर के लिए एक और काला दिन साबित हुआ, जिसमें न केवल भारतीयों की जान गई, बल्कि विदेशी नागरिकों की भी जान गई। इस हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है।