21 अप्रैल महाकाल आरती: भांग-चंदन और रत्नजड़ित आभूषणों से सजे बाबा महाकाल, दिव्य श्रृंगार के हुए दर्शन
उज्जैन (शिखर दर्शन) // वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर सोमवार प्रातः चार बजे विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले गए। कपाट खुलते ही बाबा महाकाल का जल, दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से दिव्य अभिषेक किया गया। इसके पश्चात सुगंधित जल से शुद्धिकरण कर भस्म अर्पित की गई।
भगवान महाकाल को भांग-चंदन का लेप कर रजत का शेषनाग मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों की दिव्य माला से अलंकृत किया गया। फल और मिष्ठान्न का भोग अर्पित कर महाआरती की गई। महाकाल की इस दिव्य भक्ति रसपूर्ण झांकी ने भक्तों को भावविभोर कर दिया।
प्रातः भस्म आरती में देशभर से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और बाबा के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। श्रद्धालुओं ने नंदी महाराज के कान के पास जाकर अपनी मनोकामनाएं भी अर्पित कीं। पूरा मंदिर परिसर ‘जय महाकाल’, ‘हर हर महादेव’, और ‘ॐ नमः शिवाय’ के जयकारों से गूंजता रहा।