बिलासपुर संभाग

जैन मुनियों पर हमले के विरोध में रायपुर में रैली, सुरक्षा की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा , संतों की सुरक्षा को लेकर जैन समाज ने उठाई मांग, कहा – यह केवल एक समुदाय नहीं, संपूर्ण मानवता पर हमला है

रायपुर (शिखर दर्शन) // मध्यप्रदेश के नीमच जिले के ग्राम कछाला (सिंगोली के पास) स्थित हनुमान मंदिर में जैन संतों पर असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए जानलेवा हमले के विरोध में रायपुर के सकल जैन समाज ने मौन रैली निकालकर विरोध दर्ज कराया। रैली के बाद कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें जैन मुनियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई।

सकल जैन समाज के सदस्य प्रेमचंद गोलछा ने जानकारी देते हुए बताया कि 13 अप्रैल को जावद विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कछाला में स्थित मंदिर में रात विश्राम कर रहे जैन मुनियों पर कुछ असामाजिक तत्वों ने लूटपाट के इरादे से न केवल दुर्व्यवहार किया, बल्कि जानलेवा हमला भी किया। उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल निंदनीय है, बल्कि समाज की धार्मिक सहिष्णुता और शांति पर भी सीधा हमला है।

समाज के वरिष्ठ सदस्य कमल बोहरा ने कहा कि यह अत्यंत चिंताजनक घटना न केवल देश की सामाजिक और धार्मिक सहिष्णुता के लिए चुनौती है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की मूल आत्मा – अहिंसा, करुणा और सहिष्णुता – पर भी गहरा आघात है।

जैन मुनियों की सरल और तपस्यामय जीवनशैली पर उठे सवाल
अजय जैन ने बताया कि जैन मुनि पूरी तरह से त्यागमय जीवन जीते हैं। वे न धन-संपत्ति रखते हैं, न किसी प्रकार की निजी सुरक्षा। उनका सम्पूर्ण जीवन संयम, आत्मकल्याण और लोककल्याण के मार्ग पर आधारित होता है। ऐसे में उन पर हमला होना मानवता के विरुद्ध है।

प्रकाश गोलछा ने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सहित पूरे भारत में प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। यह एक समुदाय की नहीं, पूरे समाज और संस्कृति की सुरक्षा का विषय है।

ज्ञापन में उठाई गई प्रमुख मांगें:
सकल जैन समाज द्वारा राष्ट्रपति के नाम सौंपे गए ज्ञापन में निम्नलिखित प्रमुख मांगें की गईं:

  1. कछाला घटना की निष्पक्ष जांच – 13 अप्रैल को हुई इस घटना की त्वरित और निष्पक्ष जांच कर दोषियों को दंडित किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
  2. विहार के लिए स्थलों की व्यवस्था – जैन साधु-संत अपने विहार के दौरान स्कूल, मंदिर, आंगनबाड़ी और अन्य सार्वजनिक स्थलों में रात्रि विश्राम कर सकें, इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर अनुमति और व्यवस्था की जाए।
  3. हाईवे सुरक्षा नियम – विहारी साधु-साध्वियों की हाईवे पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वाहन चालकों के लिए कड़े नियम बनाए जाएं।
  4. पूर्व की घटनाओं का हवाला – 1 जून 2024 को चित्तौड़गढ़ के शंभूपुरा में पूज्य मदनमुनि मसा और 2 अप्रैल 2025 को खंडवा जिले में पूज्य गजेन्द्रमुनि मसा का एक्सीडेंट में देवलोकगमन हो गया था। ऐसे कई उदाहरण सामने आ चुके हैं, जो बेहद चिंताजनक हैं।

जैन समाज ने स्पष्ट कहा कि यदि इन घटनाओं को गंभीरता से नहीं लिया गया तो आने वाले समय में धार्मिक और सामाजिक सौहार्द्र को गहरा आघात लग सकता है।


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