350 साल पुरानी अवैध दरगाह पर चला बुलडोजर, पथराव के बाद भारी पुलिस बल की तैनाती में कार्रवाई

“प्रशासन की कार्रवाई से पहले सोमवार रात भड़की हिंसा, 31 पुलिसकर्मी घायल, 15 गिरफ्तार, बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई”
नासिक (शिखर दर्शन) //
महाराष्ट्र के नासिक जिले में मंगलवार सुबह नगर निगम और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने भारी सुरक्षा बल के साथ सातपीर दरगाह के अवैध हिस्सों को जमींदोज कर दिया। यह कार्रवाई बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में की गई, जिसमें दरगाह को अनधिकृत बताया गया था। इससे पहले सोमवार रात इस कार्रवाई की भनक लगते ही इलाके में तनाव फैल गया और भीड़ ने पुलिस और नगर निगम की टीम पर पथराव कर दिया। हिंसा में दो सहायक पुलिस आयुक्त समेत 31 पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा।
गर निगम ने सातपीर दरगाह को अतिक्रमण बताते हुए 15 दिन पहले नोटिस जारी किया था, लेकिन दरगाह ट्रस्ट की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका खारिज होने के बाद प्रशासन ने मंगलवार सुबह कार्रवाई शुरू की। दरगाह की ओर जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया और तीनों दिशाओं से पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। पुलिस वैन और बैरिकेडिंग से पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया।
पथराव की घटना सोमवार रात काठे गली सिग्नल क्षेत्र में हुई, जब दरगाह को लेकर अफवाह फैल गई कि उसे तोड़ा जा रहा है। मौके पर मौजूद भीड़ ने बिजली कटौती का फायदा उठाकर अचानक हमला बोल दिया। इस दौरान करीब 400 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ को खदेड़ा। हिंसा के बाद 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 57 संदिग्ध बाइकों को जब्त किया गया है।
दरगाह कमेटी का कहना है कि यह दरगाह 350 साल पुरानी है, लेकिन प्रशासन इसे अतिक्रमण मानकर हटाने की कार्रवाई कर रहा है। वहीं, सकल हिंदू समाज ने इस स्थान पर हनुमान मंदिर निर्माण की मांग की है।
इस पूरी घटना ने शहर में सांप्रदायिक तनाव को जन्म दिया है, जिसे नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।