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साड़ी पहनकर काम करने पहुंचे पुरुष,खुलासा होते ही मच गया हड़कंप

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत कर्नाटक के यादगीर जिले में एक हैरान कर देने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां कुछ पुरुषों ने साड़ी पहनकर महिलाओं के नाम पर मजदूरी कर डाली। यह घटना मालदार गांव की नाला गहरीकरण परियोजना के दौरान सामने आई, जब सोशल मीडिया पर मजदूरी करते हुए पुरुषों की साड़ी में तस्वीरें वायरल हुईं।

फोटो वायरल होते ही स्थानीय प्रशासन हरकत में आया। जब जांच हुई, तो खुलासा हुआ कि जिन महिलाओं के नाम पर उपस्थिति दर्ज की गई थी, उनकी जगह पुरुषों ने साड़ी पहनकर काम किया। गांव की महिलाओं ने इस पर नाराजगी जताई और इसे अपने साथ बड़ा धोखा बताया।

जांच में पता चला कि यह पूरा खेल पंचायत विभाग के साथ अनुबंध पर काम करने वाले ‘बेयरफुट टेक्नीशीयन’ वीरेश का था। उसने पुरुषों को महिलाओं के नाम पर मजदूरी दिलाने की योजना बनाई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए वीरेश को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

जिला पंचायत अधिकारी लावेश ओराडिया ने पुष्टि की कि मौके पर मौजूद लोगों की संख्या और रिकॉर्ड में दर्ज नामों में मेल नहीं था। जहां उपस्थिति रजिस्टर में 4 महिलाएं और 6 पुरुष दर्ज थे, वहां वास्तविकता में महिलाओं की बजाय पुरुष साड़ी पहनकर कार्य कर रहे थे।

हालांकि अभी तक इस परियोजना में किसी को भी भुगतान नहीं किया गया है। लेकिन यह मामला न केवल सिस्टम की निगरानी पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि ग्रामीण रोजगार योजना की साख को भी झटका देता है।

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