मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री का इंदौर और दिल्ली दौरा, उपराष्ट्रपति आज करेंगे “विक्रमोत्सव” का भव्य शुभारंभ

भोपाल (शिखर दर्शन) // मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज शनिवार को इंदौर और दिल्ली के दौरे पर रहेंगे। उनका यह दौरा स्थानीय कार्यक्रमों की भागीदारी और ऐतिहासिक सांस्कृतिक आयोजन “विक्रमोत्सव” में सहभागिता को लेकर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री सुबह 9:45 बजे भोपाल के स्टेट हैंगर से रवाना होकर इंदौर के महू स्थित ग्राम आशापुरा हेलीपेड पहुंचेंगे। सुबह 10:50 बजे वे एक गौशाला का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद 11:40 बजे वे इंदौर एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान करेंगे और दोपहर 12:10 बजे पितृ पर्वत पर हनुमान जयंती समारोह में शामिल होंगे। दोपहर 1:00 से 1:30 बजे तक का समय आरक्षित रखा गया है।

इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव दोपहर 1:50 बजे दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे। दिल्ली पहुंचने के बाद वे शाम 3:10 से 3:40 बजे तक एमपी भवन में रहेंगे। शाम 6:00 बजे से रात्रि 9:30 बजे तक वे ऐतिहासिक लाल किले पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम और महानाट्य “सम्राट विक्रमादित्य” में शामिल होंगे। कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री रात 10:30 बजे दिल्ली से भोपाल के लिए रवाना होंगे।

उपराष्ट्रपति करेंगे “विक्रमोत्सव” का शुभारंभ

आज शाम 7 बजे देश के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ऐतिहासिक लाल किला परिसर के माधवदास पार्क में तीन दिवसीय भव्य “विक्रमोत्सव” का उद्घाटन करेंगे। यह सांस्कृतिक उत्सव सम्राट विक्रमादित्य के जीवन पर आधारित है, जिसमें उनके जन्म से लेकर सम्राट बनने तक की ऐतिहासिक गाथा का मंचन होगा।

महानाट्य “सम्राट विक्रमादित्य” में लगभग 125 कलाकार और 50 सहायक भाग लेंगे, जो सम्राट विक्रमादित्य के अद्वितीय व्यक्तित्व और ऐतिहासिक योगदान को मंच पर जीवंत रूप देंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी शामिल होंगी।

इस अवसर पर लाल किला परिसर में विशेष प्रदर्शनियाँ भी लगाई गई हैं, जिनमें विक्रमादित्य और अयोध्या संबंधी सांस्कृतिक धरोहर, विक्रमादित्य कालीन मुद्राएँ, भारत का प्राचीन वैभव, मध्यप्रदेश में पर्यटन की संभावनाएँ, निवेश और रोजगार सृजन जैसे विषयों पर प्रस्तुतियाँ दी जाएंगी।

“विक्रमोत्सव” 14 अप्रैल तक चलेगा और इसका उद्देश्य देशवासियों को सम्राट विक्रमादित्य के गौरवशाली इतिहास और भारत की सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराना है।

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