12 अप्रैल महाकाल आरती: अलौकिक श्रृंगार में सजे भगवान महाकाल, यहां से करें दिव्य दर्शन
उज्जैन (शिखर दर्शन) //
चैत्र पूर्णिमा के पावन अवसर पर शनिवार तड़के श्री महाकालेश्वर मंदिर के कपाट प्रातः 4 बजे श्रद्धा और उल्लास के वातावरण में खोले गए। विश्व प्रसिद्ध भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया, जिसे देखने के लिए देशभर से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर पुण्य लाभ अर्जित किया।
भगवान महाकाल का सबसे पहले शुद्ध जल से अभिषेक किया गया, इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से तैयार पंचामृत से भव्य पूजन संपन्न हुआ। तत्पश्चात बाबा को भस्म अर्पित की गई — जो इस मंदिर की सबसे विशिष्ट परंपरा है।
इस अवसर पर भगवान महाकाल को रजत निर्मित शेषनाग का मुकुट धारण कराया गया, रुद्राक्ष की माला पहनाई गई और गुलाब के सुगंधित पुष्पों से बनी माला से अलंकृत किया गया। पूजन के उपरांत बाबा को फल और मिष्ठान्न का भोग अर्पित किया गया।
भस्म आरती के दौरान मंदिर परिसर ‘जय जय श्री महाकाल’, ‘हर हर महादेव’, ‘ॐ नमः शिवाय’ जैसे जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने नंदी महाराज के कान में अपनी मनोकामनाएं कहकर आशीर्वाद की कामना की। अल सुबह का यह दृश्य अत्यंत दिव्य, भक्ति से परिपूर्ण और आत्मा को शांति देने वाला रहा।