दिल्ली

4 करोड़ में 40 घंटे की प्रत्यर्पण उड़ान: तहव्वुर राणा भारत लाया गया, जानिए बीते 48 घंटे का पूरा घटनाक्रम

नई दिल्ली (शिखर दर्शन) // 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसे दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरते ही औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां लंबी बहस के बाद कोर्ट ने उसे 18 दिन की रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। अब राणा से NIA मुख्यालय में पूछताछ की जा रही है।

40 घंटे की उड़ान, 4 करोड़ रुपये का खर्च

राणा को अमेरिका के मियामी शहर से भारत लाने के लिए बेहद गोपनीय और संवेदनशील ऑपरेशन चलाया गया। इस ऑपरेशन में एक विशेष चार्टर विमान गल्फस्ट्रीम G550 का इस्तेमाल किया गया, जो सामान्य विमान की तुलना में कई गुना अधिक महंगा है। इस लग्जरी विमान की प्रति घंटे की उड़ान लागत करीब 9 लाख रुपये है। कुल 40 घंटे की यात्रा में लगभग 4 करोड़ रुपये खर्च हुए।

विमान बुधवार सुबह 2:15 बजे (स्थानीय समय) मियामी से रवाना हुआ और उसी दिन शाम 7 बजे रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट पहुंचा, जहां 11 घंटे का ब्रेक लिया गया। इसके बाद गुरुवार सुबह 6:15 बजे विमान ने फिर उड़ान भरी और शाम 6:22 बजे दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड किया। यह विमान विएना स्थित एक निजी एयर चार्टर सेवा से किराए पर लिया गया था।

कैसा है यह विशेष विमान?

गल्फस्ट्रीम G550 को अमेरिकी सेना भी अपने सैन्य संस्करण C-37B और EA-37B के रूप में उपयोग करती है। यह विमान 12,500 किलोमीटर की अल्ट्रा-लॉन्ग रेंज उड़ान भरने में सक्षम है। इसमें एन्हांस्ड विजन सिस्टम (EVS), ऑटो थ्रोटल जैसी सुरक्षा तकनीकें मौजूद हैं। आलीशान केबिन, 19 यात्रियों की क्षमता, 9 आरामदायक दीवान सीटें और 6 बेड सहित यह विमान विशिष्ट वीआईपी ट्रांसपोर्ट के लिए जाना जाता है।

भारत पहुंचते ही राणा की गिरफ्तारी और कोर्ट कार्यवाही

राणा के भारत पहुंचते ही NIA ने उसे गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में उसके खिलाफ मुंबई हमलों में संलिप्तता के सबूत पेश किए गए। राणा का पक्ष लीगल सर्विसेज के माध्यम से अधिवक्ता पीयूष सचदेवा ने रखा। NIA ने कोर्ट से 20 दिन की रिमांड की मांग की थी, जिस पर घंटों तक बंद कमरे में बहस चली। अंततः रात 2:10 बजे कोर्ट ने 18 दिन की रिमांड मंजूर की।

इसके तुरंत बाद राणा को NIA मुख्यालय ले जाया गया, जहां उससे पूछताछ शुरू हो चुकी है। एजेंसी को उम्मीद है कि राणा से पूछताछ के दौरान 17 साल पुराने कई अनसुलझे सवालों के जवाब मिल सकते हैं, जो 26/11 के आतंकवादी नेटवर्क को और बेहतर समझने में मददगार साबित होंगे।

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