श्रीनगर में अमित शाह की उच्चस्तरीय बैठक, तीन अलगाववादी संगठनों ने हुर्रियत से तोड़ा नाता

श्रीनगर ( शिखर दर्शन ) // केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन मंगलवार को श्रीनगर पहुंचे, जहां उन्होंने राजभवन में एक अहम बैठक की। इस बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों ने शाह को राज्य में जारी विकास कार्यों की प्रगति की जानकारी दी।
इसी दौरान घाटी में राजनीतिक मोर्चे पर एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े तीन प्रमुख अलगाववादी संगठनों—जम्मू-कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू एंड कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग, और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट—ने खुद को हुर्रियत से अलग करने की घोषणा कर दी। इन संगठनों का कहना है कि वे अब मुख्यधारा की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहते हैं।
इसपर प्रतिक्रिया देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “यह कश्मीर घाटी में भारत के संविधान और लोकतंत्र पर जनता के बढ़ते विश्वास का प्रमाण है। अब तक कुल 11 संगठन हुर्रियत से नाता तोड़ चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एकजुट और शक्तिशाली भारत के दृष्टिकोण को इससे और बल मिला है।”
शाह के दौरे के दौरान सुरक्षा मोर्चे पर भी गतिविधियाँ तेज रहीं। सोमवार को उन्होंने एलओसी और कठुआ क्षेत्र में बीएसएफ की चौकियों का दौरा किया और मौजूदा सुरक्षा हालात का जायजा लिया। इसके अलावा उन्होंने शहीद सैनिकों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें अनुकंपा नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए।
इससे पहले रविवार को दौरे के पहले दिन अमित शाह ने भाजपा विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बंद कमरे में एक महत्वपूर्ण बैठक की, जो लगभग दो घंटे तक चली। इस बैठक में उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देना हमारी नीति का हिस्सा है, और यह उचित समय पर बहाल किया जाएगा।”
यह दौरा राज्य में नई सरकार के गठन के बाद शाह की पहली आधिकारिक यात्रा है, जिसे कश्मीर में विकास, शांति और स्थायित्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।