गृह मंत्री अमित शाह ने भरी हुंकार, कहा- मां दंतेश्वरी से आशीर्वाद लेकर आया हूं, अगले चैत्र नवरात्र तक लाल आतंक समाप्त हो जाए…
अमित शाह का एलान: मां दंतेश्वरी से लिया आशीर्वाद, कहा– अगला चैत्र नवरात्र आते-आते खत्म कर देंगे लाल आतंक
रायपुर (शिखर दर्शन) // बस्तर की समृद्ध जनजातीय संस्कृति को देश-दुनिया से जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित बस्तर पंडुम के समापन समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद पर तीखा प्रहार किया और आदिवासी समाज के समक्ष एक नया विजन प्रस्तुत किया। उन्होंने स्पष्ट घोषणा करते हुए कहा, “मैं मां दंतेश्वरी से आशीर्वाद लेकर आया हूं कि अगले चैत्र नवरात्रि तक बस्तर से लाल आतंक समाप्त हो जाए और हमारा बस्तर समृद्ध और शांतिपूर्ण बन सके।”

समारोह में भारी संख्या में उपस्थित जनजातीय समुदाय को संबोधित करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि इस वर्ष बस्तर पंडुम को स्थानीय उत्सव के रूप में मनाया गया, लेकिन अगले वर्ष इसे अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश लेकर आया हूं। अगले वर्ष ‘बस्तर पंडुम’ में देश के हर आदिवासी जिले से कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा। विदेशों में पदस्थ भारतीय राजदूतों को भी बस्तर बुलाया जाएगा, ताकि वे यहां की संस्कृति, परंपराएं और कला को विश्व मंच पर प्रस्तुत करें।”
स्थानीय संस्कृति को मिलेगी पहचान
गृहमंत्री शाह ने बताया कि इस आयोजन पर राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा 5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई है। यह बस्तर का अब तक का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन है। उन्होंने कहा, “बस्तर पंडुम” स्थानीय कला, शिल्प, बोली-भाषा, भोजन-पेय, वाद्य यंत्र, गीत-संगीत, रीति-रिवाज और परंपराओं को संजोने और संरक्षित करने का माध्यम बनेगा।
आधुनिक शिक्षा और मूल संस्कृति दोनों आवश्यक
अपने संबोधन में शाह ने कहा, “हम चाहते हैं कि बस्तर का युवा विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त करे और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रतिस्पर्धा करे। लेकिन साथ ही उसे अपनी संस्कृति, परंपरा और भाषा से जुड़ाव बनाए रखना चाहिए। बस्तर केवल छत्तीसगढ़ की नहीं, पूरे भारत की सांस्कृतिक धरोहर है।”
तेंदूपत्ता संग्रहकों को 5500 रुपये प्रतिकंवटल
गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में घोषणा की कि अब तेंदूपत्ता 5500 रुपये प्रतिक्विंटल की दर से सरकार सीधे खरीदेगी। उन्होंने कहा कि अब आदिवासियों को किसी बिचौलिए के पास नहीं जाना पड़ेगा। “पहले तेंदूपत्ता नक्सली लूट लेते थे, अब राशि सीधे बैंक खातों में जाएगी,” उन्होंने आश्वस्त किया।

नक्सलियों को मुख्यधारा से जुड़ने का आह्वान
शाह ने नक्सलियों से हथियार छोड़ने और मुख्यधारा से जुड़ने की अपील करते हुए कहा, “आप हमारे अपने हैं। किसी के मरने पर किसी को आनंद नहीं होता। लेकिन अब बस्तर को विकास की जरूरत है। जब तक शांति नहीं होगी, तब तक यहां के बच्चों को शिक्षा, माताओं को स्वास्थ्य, और युवाओं को अवसर नहीं मिल पाएंगे।”

उन्होंने कहा कि नक्सलमुक्त गांव को एक करोड़ रुपये की विशेष राशि दी जाएगी। “वह गांव जो नक्सलियों को सरेंडर कराएगा, उसे नक्सलमुक्त घोषित कर विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।”
शांति के साथ विकास की राह
शाह ने बताया कि वर्ष 2024 में 881 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं, जबकि 2025 के पहले चार महीनों में 521 नक्सलियों ने हथियार डाले हैं। उन्होंने कहा, “जो हथियार डालकर सरेंडर करेंगे, सरकार उनकी पूरी सुरक्षा और पुनर्वास की जिम्मेदारी लेगी। लेकिन जो बंदूक उठाएंगे, उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को निमंत्रण का प्रस्ताव
गृहमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने ओडिशा की एक गरीब आदिवासी बेटी को देश का राष्ट्रपति बनाया। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष बस्तर पंडुम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित कर आयोजन की गरिमा और बढ़ाई जाएगी।
बस्तर अब भय नहीं, भविष्य का प्रतीक
अपने भाषण के अंत में गृहमंत्री ने कहा, “बस्तर अब भय का नहीं, बल्कि भविष्य का प्रतीक बनेगा। जहां कभी गोलियों की आवाज सुनाई देती थी, आज वहां विकास की मशीनों की आवाज है। जहां कभी गांव वीरान थे, अब वहां स्कूलों की घंटियां बज रही हैं।”

उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि बस्तर से सुकमा का कोई युवा सब-इंस्पेक्टर बने, कांकेर से कोई कलेक्टर बने, दंतेवाड़ा से कोई डॉक्टर बने। सपने इसी जीवन में पूरे हो सकते हैं—बस जरूरत है दृढ़ संकल्प और सहयोग की।”
गृहमंत्री अमित शाह ने अंत में अपील की कि “ग्रामसभाएं बुलाकर नक्सलियों को सरेंडर के लिए प्रेरित करें और विकास के मार्ग पर कदम बढ़ाएं। भाजपा की डबल इंजन सरकार हर नागरिक की सुरक्षा और समृद्धि के लिए कृतसंकल्पित है।”