रामनवमी पर बंगाल में हाई अलर्ट: 1.5 करोड़ श्रद्धालुओं के जुलूस की तैयारी, ड्रोन से निगरानी, देशभर में सुरक्षा कड़ी

कोलकाता (शिखर दर्शन) // रामनवमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। 6 अप्रैल को होने वाले पर्व को लेकर राज्य में दो हजार से अधिक शोभायात्राओं की तैयारी की जा रही है, जिनमें लगभग डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। हाईकोर्ट की अनुमति के बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है।
राज्य सरकार ने रामनवमी के दिन किसी भी संभावित अशांति से निपटने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांति की अपील करते हुए सभी समुदायों से अफवाहों से बचने का आग्रह किया है। कोलकाता में पांच हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जबकि राज्यभर के संवेदनशील इलाकों में 29 आईपीएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोलकाता, हावड़ा, मुर्शिदाबाद, कूचबिहार, अलीपुरद्वार, पश्चिमी मेदिनीपुर सहित कई जिलों में रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया है।
सुरक्षा की निगरानी के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का सहारा लिया जाएगा। साथ ही सभी शोभायात्राओं की वीडियोग्राफी की जाएगी। एक केंद्रीय कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है जो सभी आयोजनों पर नजर रखेगा।
राज्य पुलिस के अनुसार, खुफिया इनपुट मिले हैं कि रामनवमी पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो सकती है, इसलिए निगरानी बढ़ा दी गई है। वहीं भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि इस वर्ष डेढ़ करोड़ हिंदू रामनवमी के जुलूसों में शामिल होंगे। उन्होंने नंदीग्राम में अयोध्या की तर्ज पर राममंदिर निर्माण की घोषणा करते हुए बताया कि इसकी आधारशिला रामनवमी के दिन रखी जाएगी।
पिछले दो वर्षों में रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं। 2023 में हावड़ा और हुगली में शोभायात्रा के दौरान पथराव हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी। इसी पृष्ठभूमि में राज्य सरकार इस बार बेहद सतर्क है।
महाराष्ट्र और झारखंड में भी एहतियात
रामनवमी को लेकर अन्य राज्यों ने भी सतर्कता बरती है। महाराष्ट्र सरकार ने सभी पुलिस अधीक्षकों और शहर इकाइयों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। झारखंड में शोभायात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने झारखंड बिजली वितरण निगम को शोभायात्रा मार्गों पर अस्थायी रूप से बिजली आपूर्ति बंद करने की अनुमति दी है, ताकि करंट से कोई दुर्घटना न हो।