वन विभाग के विरुद्ध दायर याचिका हाईकोर्ट ने किया खारिज़ , कहा आठ सप्ताह में विभाग ले स्वत: निर्णय करे विधिवत करवाही !

बिलासपुर// (शिखरदर्शन)//बेज़ा कब्जा धारी व्यक्ति द्वारा शासन की भूमि पर से स्वयं के द्वारा किए गए बेजाकब्जा को नही हटाने की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है । शासन द्वारा शासकीय भूमि को खाली करने के संबंध में वनविभग के बिलासपुर वन मंडल अंतर्गत फदहाखार स्थित “वनआरक्षित” भूमि पर बेज़ा कब्जा करके परिवार समेत रह रहे शासकीय कर्मचारी हितेश तिवारी को जब वन विभाग के अधिकारियों ने “वनआरक्षित” भूमि को कब्जा मुक्त करने को कहा और “वन अधिनियम” के तहत विधिवत बेदखली का नोटिस दिया तब उसने “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे” वाली कहावत को यथार्थ सिद्ध करते हुए वनविभाग के विरुद्ध ही उच्चन्यायलय छत्तीसगढ़ में याचिका दायर कर दिया । और बेदखली से बचने के लिए माननीय न्यायालय से उपचार की मांग किया । सुनवाई के दौरान छ.ग.उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता के द्वारा पक्षकार बनाया गए वनविभाग के अधिकारियों को कोर्ट में अपना पक्ष रखने को कहा था । तथा माननीय न्यायालय ने दोनो पक्षों को सुनने एवम उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के अवलोकन के पश्चात याचिकाकर्ता हितेश तिवारी (शासकीय सेवक) की याचिका खारिज़ कर दिया है । और वन विभाग वा उसके सक्षम अधिकारियों को आठ सप्ताह के भीतर ही विधिवत करवाही करने को कहा है । माननीय उच्च न्यायालय का यह आदेश शासकीय भूमि पर बेज़ा कब्जा धारियों के लिए एक संदेश के रूप में देखा जाना चाहिए माननीय न्यायालय के इस निर्णय से बेजाकब्जा धारियों के हौसले कही न कही पस्त होंगे ।