सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी: मुफ्त योजनाओं से खत्म हो रही लोगों की काम करने की इच्छा , MP में गरमाई सियासत, कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने

भोपाल (शिखर दर्शन) // देश की सर्वोच्च अदालत ने चुनावी वादों में मुफ्त की योजनाओं को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि यदि लोगों को लगातार मुफ्त राशन और पैसे मिलते रहेंगे, तो उनकी काम करने की इच्छा समाप्त हो जाएगी। अदालत ने यह टिप्पणी बेघर लोगों को शहरी इलाकों में आश्रय स्थल उपलब्ध कराने संबंधी याचिका की सुनवाई के दौरान की।
सुप्रीम कोर्ट की इस सख्त टिप्पणी के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने इस बहाने बीजेपी को घेरते हुए आरोप लगाया कि मुफ्त की राजनीति की जड़ में बीजेपी ही है। कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि जब उनकी सरकार थी, तब राशन सस्ती दरों पर उपलब्ध कराया जाता था और मनरेगा जैसी योजनाओं से रोजगार दिया जाता था। लेकिन बीजेपी सरकार ने इसे मुफ्तखोरी में बदल दिया।
वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया। पार्टी प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि कांग्रेस केवल भ्रम फैलाने की राजनीति करती है। अंत्योदय बीजेपी की नीति रही है और सरकार गरीब कल्याण के लिए हमेशा प्रयासरत रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा, लेकिन गरीबों की मदद जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट की इस सख्त टिप्पणी के बाद यह बहस तेज हो गई है कि मुफ्त की योजनाएं जरूरतमंदों की सहायता हैं या जनता को आलसी बना रही हैं।