गणतंत्र दिवस पर CM, मंत्री, सांसद और विधायक नहीं कर सकेंगे नई घोषणाएं, राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किए निर्देश, जानें आचार संहिता के दौरान क्या रहेंगी पाबंदियाँ

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान, गणतंत्र दिवस पर लागू रहेंगी पाबंदियाँ
रायपुर (शिखर दर्शन) // छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा राज्य निर्वाचन आयोग ने कर दी है। सोमवार दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य निर्वाचन आयोग के प्रमुख अजय सिंह ने चुनाव की तारीखों की जानकारी दी। के अनुसार, नगरीय निकाय चुनाव एक चरण में 11 फरवरी को होंगे, जबकि पंचायत चुनाव तीन चरणों में 17, 20 और 23 फरवरी को आयोजित किए जाएंगे।
चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर आदर्श आचार संहिता को लेकर कुछ महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। इस दौरान शासकीय समारोहों में आचार संहिता का सख्ती से पालन किया जाएगा। आयोग ने छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता जताई है कि सभी सरकारी कार्यक्रमों में आदर्श आचरण संहिता का पालन कड़ाई से किया जाए।
गणतंत्र दिवस पर आचार संहिता के तहत लागू पाबंदियाँ:
- राजनीतिक पदाधिकारियों के भाषण:
- मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायक गणतंत्र दिवस के समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में तो उपस्थित हो सकते हैं, लेकिन उनके भाषण में केवल देशभक्ति, शहीदों की उपलब्धियों और भारत/छत्तीसगढ़ राज्य की महिमा के बारे में बात की जा सकती है।
- किसी भी प्रकार का राजनीतिक प्रचार-प्रसार, राज्य सरकार की योजनाओं की नई घोषणाओं या चुनावी प्रचार की अनुमति नहीं होगी।
- राजनीतिक पदाधिकारी केवल गृह जिले में:
- मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक या अन्य किसी राजनीतिक पदाधिकारी को अपने गृह जिले या निर्वाचन क्षेत्र से बाहर अन्य स्थानों पर शासकीय समारोहों में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने की अनुमति होगी।
- चुनावी क्षेत्र में नई घोषणाओं की मनाही:
- चुनाव क्षेत्र से संबंधित किसी भी समारोह में नए चुनावी वादे, योजनाओं की घोषणाएं या किसी भी प्रकार के नए राजनीतिक वादों का एलान नहीं किया जा सकेगा।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम और झांकियाँ:
- गणतंत्र दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है, लेकिन इन कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार का राजनीतिक प्रचार-प्रसार न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा।
- राज्य की प्रचलित योजनाओं का झांकियों के रूप में प्रदर्शन किया जा सकेगा, लेकिन इन झांकियों में किसी भी राजनीतिक प्रतिनिधि के चित्र का उपयोग नहीं किया जाएगा।
- राजनीतिक दलों की घोषणा और प्रचार पर पाबंदी:
- गणतंत्र दिवस पर किसी भी प्रकार की नई घोषणाओं या योजनाओं का प्रचार नहीं किया जा सकेगा।
- सरकारी धन का इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार के प्रचार के लिए नहीं किया जा सकेगा।
- ध्वजारोहण:
- त्रिस्तरीय पंचायतों और नगरीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधि जिनका कार्यकाल अभी बाकी है, वे अपने पंचायतों और नगरीय निकायों के कार्यालय में ध्वजारोहण कर सकेंगे।
आचार संहिता का उल्लंघन:
आचार संहिता के उल्लंघन पर चुनाव आयोग सख्त कार्रवाई कर सकता है। उल्लंघन के मामलों में संबंधित व्यक्ति या राजनीतिक दल को जुर्माना, चुनाव से बैन या आपराधिक मुकदमा तक का सामना करना पड़ सकता है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी वाहन को चुनाव प्रचार के लिए अनुमति दी गई हो, और वह किसी अन्य उम्मीदवार द्वारा इस्तेमाल किया जाता है, तो यह आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।
आचार संहिता का उद्देश्य:
आचार संहिता का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है, ताकि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके। इसके तहत राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और सरकारी अधिकारियों पर कुछ प्रतिबंध लगाए जाते हैं, ताकि चुनावी माहौल को निष्पक्ष रखा जा सके। आचार संहिता का उल्लंघन करने पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी ट्रांसफर-पोस्टिंग पर प्रतिबंध:
आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार को किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी की ट्रांसफर या पोस्टिंग करने की अनुमति नहीं होगी। यदि ऐसा करना अत्यंत आवश्यक हो, तो सरकार को चुनाव आयोग की स्वीकृति प्राप्त करनी होगी।
आचार संहिता की उल्लंघन पर कार्रवाई:
आचार संहिता के उल्लंघन पर चुनाव आयोग सख्त कार्रवाई करता है। यह कार्रवाई उन उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों और अधिकारियों के खिलाफ की जाती है, जिनकी गतिविधियाँ आचार संहिता का उल्लंघन करती हैं। चुनाव आयोग द्वारा उल्लंघन करने वाले उम्मीदवार को चुनावी प्रक्रिया से बाहर करने का निर्णय ले सकता है और गंभीर मामलों में आपराधिक मुकदमा भी दर्ज कर सकता है।
आयोग ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखने के लिए सभी प्रतिबंधों का पालन सख्ती से करें, ताकि लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण पर्व पर किसी भी प्रकार का राजनीतिक लाभ न हो।