उत्तरप्रदेश

महाकुंभ में श्रद्धालुओं का विशाल सैलाब, सुबह 10 बजे तक 1.38 करोड़ ने किया पवित्र स्नान, सुरक्षा के कड़े प्रबंध

विशेष संवाददाता विशाल कनौजिया की रिपोर्ट :

प्रयागराज (शिखर दर्शन) // महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान आज संगम में भव्य तरीके से संपन्न हुआ। पंचायती निर्वाणी अखाड़े के संतों ने सुबह 6:15 बजे अमृत स्नान किया। इसके बाद श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा और श्री पंचायती अखाड़ा आनंद ने 7:05 बजे, जबकि श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचाग्नि अखाड़ा और श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा ने सुबह 8 बजे अमृत स्नान किया। हाथों में तलवार, त्रिशूल और डमरू लेकर जब हजारों नागा साधु स्नान के लिए संगम घाट पर पहुंचे, तो लाखों श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत किया और हर-हर महादेव के नारे लगाए।

महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने बड़े हर्षोल्लास के साथ पवित्र संगम में डुबकी लगाई। सुबह 10 बजे तक संगम में 1.38 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई, जो महाकुंभ के पहले दिन का आंकड़ा था। इसके साथ ही दूसरे दिन भी अखाड़ों के द्वारा अमृत स्नान का आयोजन जारी है।

इस अवसर पर महामंडलेश्वर शिव स्वरूपा आनंद सरस्वती महाराज ने कहा, “विश्व में महाकुंभ जैसा दूसरा कोई पर्व नहीं है। यह सनातन धर्म का अभूतपूर्व आयोजन है, जो दुनिया के लिए शांति का प्रतीक है। हमारा भारत महान है, और प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर हो रहा यह पर्व आस्था के महासागर का साक्षी है।”

महाकुंभ में श्री पंचायती महानिर्वाणी, शंभू पंचायती अटल, निरंजनी, आनंद, जूना, पंचदशनाम आवाहन और श्री पंचाग्नि अखाड़े का अमृत स्नान हुआ, जो भक्ति, परंपरा और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम बना। श्रद्धालुओं ने संगम में अपनी आस्था को उजागर करते हुए स्नान किया और महाकुंभ के महत्व को महसूस किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा, “यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत रूप है। मकर संक्रांति के पावन अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को पुण्य अर्जित करने की शुभकामनाएं।”

इस भव्य आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया गया है। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा बलों के जवान तैनात किए गए हैं। प्रशासन ने महाकुंभ को स्वच्छ, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए पूरी तत्परता दिखाई है।

महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान संगम में धूमधाम से शुरू हुआ। लाखों श्रद्धालु और साधु-संत इस पवित्र अवसर पर त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने पहुंचे। सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंधों के बीच इस विशाल धार्मिक आयोजन का उल्लासपूर्ण वातावरण बन गया। यहां हम आपको इस ऐतिहासिक स्नान के प्रमुख पहलुओं को क्रमबद्ध तरीके से समझाते हैं।

1. शाही स्नान की शुरुआत

महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान पंचायती निर्वाणी अखाड़े के संतों द्वारा सुबह 6:15 बजे शुरू हुआ। इसके बाद अन्य प्रमुख अखाड़ों ने अपने-अपने समय पर अमृत स्नान किया। श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा और श्री पंचायती अखाड़ा आनंद ने सुबह 7:05 बजे, जबकि श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचाग्नि अखाड़ा और श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा ने सुबह 8 बजे स्नान किया। इस दौरान हाथों में तलवार, त्रिशूल और डमरू पकड़े हुए हजारों नागा साधु घाटों पर पहुंचे, जिन्हें श्रद्धालुओं ने हार्दिक स्वागत किया। घाट पर हर-हर महादेव के जयकारे गूंजे।

2. श्रद्धालुओं की संख्या

महाकुंभ के पहले दिन, यानी 15 जनवरी 2025 को, सुबह 10 बजे तक संगम में 1.38 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। यह आंकड़ा महाकुंभ के पहले दिन के स्नान का था। श्रद्धालुओं का यह विशाल जनसैलाब दर्शाता है कि महाकुंभ में आस्था और भक्ति का स्तर कितना ऊंचा है।

3. धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

महामंडलेश्वर शिव स्वरूपा आनंद सरस्वती महाराज ने इस मौके पर कहा कि महाकुंभ जैसा आयोजन विश्व में कहीं और नहीं है। यह सनातन धर्म का प्रतीक है, और प्रयागराज का त्रिवेणी संगम आस्था के महासागर का साक्षी बना हुआ है। इस दौरान श्रद्धालुओं ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा में डुबकी लगाई और इस दिव्य अवसर का पूरा लाभ उठाया।

4. सुरक्षा व्यवस्था

महाकुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा बलों के जवान तैनात किए गए हैं। अधिकारियों ने महाकुंभ को सुरक्षित, स्वच्छ और सुविधाजनक बनाने के लिए हर संभव कदम उठाया है। घाटों पर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी लगातार जारी है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई भी परेशानी न हो।

5. मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में पहुंचे श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा, “यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत रूप है। मकर संक्रांति के पावन अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को पुण्य अर्जित करने की शुभकामनाएं।” मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के आयोजन को भारत की महान धार्मिक धरोहर के रूप में प्रस्तुत किया।

निष्कर्ष

महाकुंभ 2025 के पहले शाही स्नान का आयोजन एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक मिलाजुला उत्सव साबित हुआ है। लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में अपनी आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त किया। इस भव्य आयोजन की सफलतापूर्वक समाप्ति के लिए प्रशासन ने सुरक्षा, सफाई और सुविधाओं के सारे इंतजाम किए हैं। इस अवसर पर महाकुंभ के महत्व को हर श्रद्धालु ने महसूस किया और अपने जीवन को धार्मिक दृष्टि से और भी समृद्ध किया।

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