आस्था के मेले में विदेशी भी हुए भाव-विभोर, सनातन के रंग में रंगी लॉरेन पॉवेल, भारतीयों के साथ भक्ति में होंगी लीन

महाकुंभ में लॉरेन पॉवेल बनीं ‘कमला’, सनातन परंपराओं में रंगीं, शाही स्नान में लेंगी भाग
प्रयागराज (शिखर दर्शन) // महाकुंभ 2025 में आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु संगम नगरी में जुटे हैं। इस बार महाकुंभ में विदेशी मेहमानों की भी खास उपस्थिति है। इनमें एप्पल के दिवंगत को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जाब्स भी शामिल हैं। लॉरेन पॉवेल महाकुंभ के माध्यम से सनातन धर्म की गहराई को करीब से जानने के लिए प्रयागराज पहुंची हैं।
लॉरेन को उनके गुरु निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने सनातन परंपरा के अनुसार नया नाम और गोत्र प्रदान किया है। अब उनका सनातनी नाम ‘कमला’ है और उन्हें ‘अच्युत गोत्र’ मिला है। लॉरेन आगामी नौ दिनों तक भारत में रहेंगी और स्वामी कैलाशानंद गिरि के कैंप में ठहरेंगी।
ध्यान और भक्ति में लीन होंगी लॉरेन
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि लॉरेन भारत में ध्यान और भक्ति की साधना करने आई हैं। महाकुंभ के दौरान उन्हें अखाड़े की पेशवाई रस्म में भी शामिल किया जाएगा। दुनिया के सबसे धनी परिवारों में से एक से ताल्लुक रखने वाली लॉरेन इस दौरान एक संन्यासी की तरह जीवन बिताएंगी। वह शाही स्नान (14 जनवरी) और मौनी अमावस्या (29 जनवरी) के पावन अवसर पर संगम में स्नान करेंगी।
स्टीव जॉब्स और भारत का संबंध
गौरतलब है कि स्टीव जॉब्स भी भारतीय अध्यात्म से गहरे रूप से जुड़े हुए थे। वह 1970 के दशक में भारत आए थे और नीम करौली बाबा को अपना गुरु मानते थे। जॉब्स ने नैनीताल के कैंची धाम में भी ध्यान लगाया था।
आस्था का सैलाब
महाकुंभ 2025 के पहले स्नान के अवसर पर संगम में 1.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई। प्रयागराज में यह आयोजन सनातन परंपराओं और भक्ति का अनोखा उदाहरण पेश कर रहा है, जहां विदेशी मेहमान भी आस्था में डूबे नजर आ रहे हैं।