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बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा को ‘सांप्रदायिक’ नहीं मानते मुहम्मद यूनुस, सरकार ने हमलों को राजनीतिक मसला बताकर खारिज किया

बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा को ‘सांप्रदायिक’ नहीं मानती यूनुस सरकार, हमलों को बताया राजनीतिक

ढाका (शिखर दर्शन)// बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद हुए हिंदू विरोधी हमलों को ‘सांप्रदायिक’ मानने से इंकार कर दिया है। यूनुस सरकार ने इन हमलों को राजनीतिक बताया और अपना पल्ला झाड़ लिया। बांग्लादेश पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2024 के बाद अल्पसंख्यक समुदायों पर ज्यादातर हमले राजनीतिक प्रकृति के थे, न कि सांप्रदायिक।

मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि कुल 1,769 घटनाओं में से 1,234 घटनाएं राजनीतिक प्रकृति की थीं और केवल 20 घटनाएं सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित थीं। पुलिस ने इन घटनाओं पर 62 मामले दर्ज किए और अब तक 35 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यूनुस सरकार ने पुलिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बांग्लादेश में 4 अगस्त 2024 के बाद हुए हमलों में से अधिकांश राजनीतिक अस्थिरता से जुड़े थे, और इनकी वजह से धार्मिक हिंसा की स्थिति नहीं बनी थी।

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद कट्टरपंथियों ने हिंदू समुदाय पर हमले तेज कर दिए थे। इन हमलों में 350 से अधिक मंदिरों को नष्ट किया गया और हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को लूटा गया। भारतीय सरकार ने भी इन घटनाओं को लेकर चिंता जताई थी और दिसंबर में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ढाका यात्रा के दौरान बांग्लादेश की सरकार से स्थिति पर ठोस कदम उठाने का आग्रह किया था।

हालांकि, बांग्लादेश सरकार का कहना है कि पुलिस इन घटनाओं की जांच कर रही है और दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया जारी है।

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