‘भारत में पेपर लीक उद्योग का अस्तित्व’, उपराष्ट्रपति ने क्यों दी यह टिप्पणी ?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान: भारत में पेपर लीक पर लगाम जरूरी
नई दिल्ली (शिखर दर्शन) // उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत में बढ़ते पेपर लीक मामलों पर गहरी चिंता जताते हुए इसे “इंडस्ट्री” और “व्यापार” का रूप लेने की बात कही। उनका मानना है कि अगर इस पर रोक नहीं लगी तो चयन की निष्पक्षता पर सवाल उठेंगे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब तक पेपर लीक पर सख्त कदम नहीं उठाए जाते, तब तक यह एक गंभीर समस्या बनी रहेगी।
धनखड़ ने हाल ही में पेश किए गए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 की सराहना की और इसे एक सकारात्मक पहल बताया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक के बावजूद छात्रों के सामने दो बड़े डर हैं: एक, परीक्षा का डर, और दूसरा, पेपर लीक होने का डर।
उन्होंने यह भी कहा कि पेपर लीक होने से छात्रों को बड़ा धक्का लगता है क्योंकि वे महीनों तक कड़ी मेहनत से परीक्षा की तैयारी करते हैं। इस तरह की घटनाएं छात्रों के आत्मविश्वास को प्रभावित करती हैं और उनके भविष्य को अनिश्चित बना देती हैं।
भारत में हाल के दिनों में पेपर लीक की घटनाएं बढ़ी हैं, जिनमें बिहार, यूपी, झारखंड और अन्य राज्यों के मामले प्रमुख हैं। यह समस्या अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है, और विपक्षी दलों द्वारा विभिन्न राज्य सरकारों पर आरोप लगाए जा रहे हैं।
उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि यह एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुकी है और इसे जड़ से खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।