GST काउंसिल के बड़े फैसले: इन प्रोडक्ट्स पर हटाया गया टैक्स
जैसलमेर में संपन्न हुई GST काउंसिल की 55वीं बैठक: कई अहम फैसले लिए गए
जैसलमेर ( शिखर दर्शन ) // राजस्थान के ऐतिहासिक शहर जैसलमेर में आयोजित GST काउंसिल की 55वीं बैठक संपन्न हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई महत्वपूर्ण फैसलों की घोषणा की। इस बैठक में जीएसटी दरों में बदलाव, कर छूट जारी रखने और नई नीतियों पर चर्चा हुई।
पुरानी ईवी कारों पर राहत, नई दरें लागू
नए इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर जीएसटी की दर 5% रखी गई है, जबकि पुरानी ईवी कारें जब व्यक्तियों के बीच बेची जाती हैं, तो उन पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। हालांकि, यदि कोई कंपनी पुरानी ईवी, पेट्रोल या डीजल गाड़ियां बेचती है, तो उनकी बिक्री पर मार्जिन पर जीएसटी बढ़ाकर 18% कर दिया गया है।
कृषि उत्पादों पर राहत
बैठक में कृषि से जुड़े उत्पादों पर ध्यान दिया गया।
- काली मिर्च और किशमिश को जीएसटी से पूरी तरह मुक्त रखा गया है।
- कृषि कार्यों में इस्तेमाल होने वाले ब्लैक पेपर को भी जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर फैसला टला
हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस पर लगने वाली वर्तमान 18% जीएसटी दर में कोई बदलाव नहीं किया गया। वित्त मंत्री ने बताया कि इस विषय पर और विचार-विमर्श किया जाएगा।
पॉपकॉर्न पर नई दरें लागू
पॉपकॉर्न पर जीएसटी दरों में संशोधन किया गया है:
- साधारण नमक और मसालों से तैयार पॉपकॉर्न (बिना पैकेज और लेबल के): 5% जीएसटी।
- पैकेज्ड और लेबल्ड पॉपकॉर्न: 12% जीएसटी।
- चीनी या कारमेल से तैयार पॉपकॉर्न: 18% जीएसटी।
अन्य प्रमुख निर्णय
- जीन थेरेपी को पूरी तरह से जीएसटी से बाहर रखा गया है।
- फोर्टिफाइड राइस केरनल्स पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
- ₹2,000 से कम पेमेंट करने वाले पेमेंट एग्रीगेटर्स और लंबे समय तक NBFC से लिए गए लोन पर पीनल चार्जेज को जीएसटी से छूट दी गई है।
- GST के लिए नया रजिस्ट्रेशन सिस्टम लाने के लिए संशोधन पर सैद्धांतिक मंजूरी दी गई।
जीएसटी के लिए नई नीतियों का खाका तैयार
बैठक में GST के नए रजिस्ट्रेशन सिस्टम को लागू करने के लिए एक कॉन्सेप्ट नोट को मंजूरी दी गई। इस संशोधन से व्यापार और उद्योग जगत के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने की उम्मीद है।
जैसलमेर की यह बैठक कई महत्वपूर्ण फैसलों के लिए याद रखी जाएगी। इससे न केवल विभिन्न उत्पादों पर कराधान में बदलाव आएगा, बल्कि नई नीतियों से व्यापार जगत को भी राहत मिलेगी। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि कुछ मुद्दों पर चर्चा जारी रहेगी, और भविष्य में और सुधार देखने को मिल सकते हैं।