दिल्ली

राज्यसभा में संविधान पर बहस: निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर किया तीखा हमला, कहा- नेहरू ने विपक्ष और जनता के विरोध के बावजूद संविधान में किए बदलाव

नई दिल्ली //सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के तहत राज्यसभा में संविधान पर बहस शुरू हुई, जहां केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। सीतारमण ने कहा कि विपक्ष और जनता के विरोध के बावजूद जवाहर लाल नेहरू ने संविधान में कई बदलाव किए, जिनमें प्रेस की आजादी का हनन भी शामिल था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आज सरकार 400 से अधिक सीटें जीतती, तो चर्चा का विषय यह होता कि “संविधान को बदलना क्यों आवश्यक है।”

सीतारमण ने कांग्रेस पर हमला करते हुए इमरजेंसी का हवाला दिया और कहा, “कांग्रेस ने नियमों का उल्लंघन करते हुए कानून बदला और लोकसभा का कार्यकाल 6 साल कर दिया। पूरे विपक्ष को जेल भेज दिया। यह बदलाव तब हुए। क्या यह सही तरीका था?”

उन्होंने 1950 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया, जिसमें कम्युनिस्ट पत्रिका “क्रॉस रोड्स” और आरएसएस की पत्रिका “ऑर्गनाइजर” के पक्ष में फैसला दिया गया था। इसके बाद तत्कालीन अंतरिम सरकार ने इनकी स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए संविधान में संशोधन किया।

निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि नेहरू विरोधी कविता लिखने के लिए प्रसिद्ध गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी और अभिनेता बलराज साहनी को जेल भेजा गया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस ने संविधान का कितनी बेरहमी से दुरुपयोग किया।

वन नेशन, वन इलेक्शन विधेयक की पेशी टली

वहीं, राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान ही सोमवार को सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन विधेयक को लोकसभा में पेश करने की योजना स्थगित कर दी है। सरकार ने इस विधेयक को इस सप्ताह के अंत तक पेश करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इसे आगे के लिए टाल दिया गया है।

यह बहस और घटनाक्रम संसद के सत्र के दौरान राजनीतिक और संवैधानिक मामलों पर गहरी चर्चा को दर्शाते हैं, जिसमें विपक्ष और सरकार दोनों के बीच तीखी आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति बनी हुई है।

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