वन नेशन, वन इलेक्शन विधेयक को संसद की कार्यसूची से हटा दिया गया
नई दिल्ली ( शिखर दर्शन ) // “वन नेशन, वन इलेक्शन” के प्रस्तावित विधेयक को संसद की कार्यसूची से हटा दिया गया है। सोमवार को इस विधेयक को लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया जाना था, लेकिन आखिरी समय में इसे कार्यसूची से हटा दिया गया। अब इस सत्र में इसे पेश करने की संभावना कम नजर आ रही है, क्योंकि शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। सरकार ने इस विधेयक को पेश करने की नई तारीख अभी तक तय नहीं की है।
मोदी कैबिनेट से मंजूरी के बाद बढ़ी चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट से “वन नेशन, वन इलेक्शन” विधेयक की मंजूरी मिलने के बाद से इस मुद्दे पर देशभर में चर्चा तेज हो गई है। सरकार ने सोमवार को लोकसभा में दो विधेयकों को पेश करने की तैयारी की थी, लेकिन अब जानकारी मिल रही है कि इन विधेयकों को सोमवार को पेश नहीं किया जाएगा। पहले सरकार इस विधेयक के जरिए जेपीसी (JPC) गठित करने की योजना बना रही थी, लेकिन इसे आखिरी समय में कार्यसूची से हटा दिया गया।
शीतकालीन सत्र में कम संभावना
लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी कार्यसूची में यह बताया गया था कि विधेयक सोमवार को लोकसभा में रखा जाएगा, लेकिन अब यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिरी समय में क्यों सरकार ने इसे पेश नहीं करने का निर्णय लिया। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त हो रहा है, और अब इसकी संभावना कम है कि सरकार इस सत्र में यह विधेयक सदन में पेश कर पाएगी।
विधेयकों की पेशगी की संभावना
सरकार ने पहले संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और संघ शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक के साथ “वन नेशन, वन इलेक्शन” विधेयक को पेश करने की योजना बनाई थी। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी संशोधित कार्यसूची में इन विधेयकों को सोमवार के एजेंडे से हटा दिया गया है। हालांकि, यदि लोकसभा स्पीकर अनुमति देते हैं, तो सरकार बिल को सप्लीमेंट्री लिस्टिंग के जरिए आखिरी समय में भी सदन में पेश कर सकती है।
क्या है वन नेशन, वन इलेक्शन बिल?
“वन नेशन, वन इलेक्शन” विधेयक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ आयोजित करने से संबंधित है। पिछले सप्ताह, विधेयकों की प्रतियां लोकसभा के सदस्यों के बीच वितरित की गई थीं ताकि वे इस पर विचार कर सकें।
इस विधेयक को लेकर संसद में चर्चा का सिलसिला जारी है, लेकिन अब तक इसकी पेशगी पर अनिश्चितता बनी हुई है।