दिल्ली

पीएम मोदी का भाषण विपक्ष के निशाने पर: प्रियंका ने बताया ‘बोरिंग’, अखिलेश बोले ‘जुमलों का संकल्प’

नई दिल्ली ( शिखर दर्शन ) //
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान शनिवार को करीब 110 मिनट का भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने आपातकाल, अनुच्छेद 370 और कांग्रेस की नीतियों पर तीखा हमला करते हुए विकसित भारत के लिए 11 संकल्पों की बात रखी। हालांकि, उनके इस भाषण पर विपक्षी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

प्रियंका गांधी ने कहा ‘बोरिंग’
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम मोदी के भाषण को “बोरिंग” करार देते हुए कहा, “मुझे लगा कि प्रधानमंत्री कुछ नया कहेंगे, लेकिन उन्होंने वही पुराने खोखले वादे दोहराए। अगर भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की बात है, तो उन्हें अडानी समूह के विवादों पर बहस करनी चाहिए थी।”

अखिलेश यादव बोले ‘जुमलों का संकल्प’
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री के 11 संकल्पों को “जुमलों का संकल्प” बताया। उन्होंने कहा, “पीएम का भाषण बहुत लंबा था और इसमें 11 जुमले सुनने को मिले। जो लोग वंशवाद पर बात करते हैं, उनकी अपनी पार्टी वंशवाद से भरी हुई है। एससी/एसटी, ओबीसी और दलितों का आरक्षण छीना जा रहा है। जल्द ही जातिगत जनगणना के जरिए लोगों को उनकी आबादी के हिसाब से हक और सम्मान मिलेगा।”

टीएमसी और सीपीआई ने भी साधा निशाना
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, “प्रधानमंत्री ने जो दृष्टिकोण अपनाया वह सही नहीं था। उन्होंने वंशवाद की आलोचना तो की, लेकिन यह नहीं माना कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस मुख्य ताकत थी।”

सीपीआई सांसद पी. संदोष कुमार ने पीएम मोदी के भाषण को “फिक्स मैच” जैसा बताया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के भाषण में 90% समय नेहरू और कांग्रेस पर केंद्रित होता है। यह पहले से तय परिणाम जैसा लगता है।”

विपक्ष का रुख और सरकार का जवाब
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर विपक्षी नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं यह दिखाती हैं कि संविधान पर चर्चा के दौरान भी सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। पीएम के 11 संकल्पों पर चर्चा से अधिक जोर विपक्ष की ओर से उनके भाषण की आलोचना पर रहा।

सदन में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में जहां संविधान की गौरवशाली यात्रा पर प्रकाश डाला, वहीं विपक्षी नेताओं ने उनके भाषण को मुद्दों से भटकाने वाला बताया। अब देखना होगा कि इस पर सरकार की ओर से क्या जवाब आता है।

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