प्रधानमंत्री मोदी का लोकसभा में संबोधन: ‘आर्टिकल 370 देश की एकता में रुकावट था, इसे जमीन में गाड़ दिया’
370 और नेहरू-गांधी परिवार पर तीखा प्रहार
नई दिल्ली ( शिखर दर्शन ) // संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर संसद में चल रही ‘संविधान पर चर्चा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार पर तीखा प्रहार किया। पीएम मोदी ने जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन नेताओं ने संविधान की मूल भावना को नजरअंदाज किया और वोट बैंक की राजनीति के लिए उसे बार-बार चोट पहुंचाई।
धारा 370: देश की एकता में बाधा
प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान हमें विविधता का जश्न मनाने का रास्ता दिखाता है, लेकिन गुलामी की मानसिकता से जकड़े लोग इसे बाधा के रूप में देखते रहे। उन्होंने कहा, “आर्टिकल 370 देश की एकता में रुकावट बना हुआ था। हमने इसे जमीन में गाड़ दिया क्योंकि देश की एकता हमारी प्राथमिकता है।”
राजीव गांधी और कट्टरपंथ का मुद्दा
पीएम मोदी ने राजीव गांधी पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने वोट बैंक की राजनीति के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले को पलट दिया और कट्टरपंथियों के आगे सिर झुका दिया। उन्होंने कहा, “समानता के अधिकार को खत्म करते हुए संविधान की भावना की बलि चढ़ाई गई।”
इमरजेंसी में संवैधानिक अधिकारों का हनन
इंदिरा गांधी पर टिप्पणी करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस ने संविधान की मर्यादा को तार-तार कर दिया। उन्होंने कहा, “इमरजेंसी लगाकर न्यायपालिका का गला घोंटा गया और जनता के अधिकार छीन लिए गए। कुर्सी बचाने के लिए इंदिरा गांधी ने यह कदम उठाया।”
कैबिनेट फैसले का अपमान
पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उनकी आलोचना की और कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब एक व्यक्ति ने कैमरे के सामने कैबिनेट का फैसला फाड़ दिया। उन्होंने कहा, “कैबिनेट ने अपना फैसला बदल दिया, यह संविधान का अपमान था। यह व्यवस्था संविधान की मूल भावना के खिलाफ थी।”
आरक्षण और ओबीसी के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर ओबीसी आरक्षण का विरोध करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब ओबीसी को आरक्षण देने का विरोध किया गया। उन्होंने नेहरू के मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि “नेहरू ने खुद आरक्षण के खिलाफ लिखा था।”
गरीबी हटाओ को बताया सबसे बड़ा जुमला
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के ‘गरीबी हटाओ’ नारे को देश का सबसे बड़ा जुमला करार दिया। उन्होंने कहा, “यह नारा कांग्रेस की राजनीति की रोटी पकाने का साधन था, लेकिन गरीब उसमें पिसता रहा। कांग्रेस ने गरीबों को केवल टीवी पर देखा, उनके हालात को कभी समझा नहीं।”
संविधान पर कांग्रेस की दोहरी नीति
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान को अपनी मनमानी का हथियार बनाया और सत्ता में रहते हुए उसके साथ छेड़छाड़ की। उन्होंने 1951 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने तब चेतावनी दी थी कि यह गलत हो रहा है, लेकिन कांग्रेस ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
धर्म के आधार पर आरक्षण का खेल
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर धर्म के आधार पर आरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “यह संविधान के खिलाफ है। कांग्रेस ने सत्ता सुख के लिए धर्म के आधार पर वोट बैंक की राजनीति की।”
प्रधानमंत्री के इस संबोधन ने संसद में गर्मजोशी ला दी। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए इसे संविधान और देश की एकता के लिए बाधा बताया।