उप पंजीयक सस्पेंड, आदिवासियों की जमीन की रजिस्ट्री गैर आदिवासी के नाम, कमिश्नर ने किया निलंबित
बिलासपुर ( शिखर दर्शन ) // संभाग के कमिश्नर महादेव कावरे ने आदिवासियों की भूमि को बिना कलेक्टर की अनुमति के गैर-आदिवासी के नाम पर रजिस्ट्री करने के मामले में सक्ती जिले के तत्कालीन उप पंजीयक प्रतीक खेमुका को निलंबित कर दिया है। खेमुका वर्तमान में बिलासपुर जिले में उप पंजीयक के पद पर पदस्थ हैं।
घटना सक्ती जिले के ग्राम कंचनपुर की है, जहां आदिवासी विक्रेताओं द्वारा अपनी भूमि का विक्रय पत्र बिना कलेक्टर की अनुमति के गैर-आदिवासी क्रेता मुस्कान बंसल के नाम किया गया था। यह कृत्य भू-राजस्व संहिता की धारा 165(6) का उल्लंघन था और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के खिलाफ भी था।
सक्ती कलेक्टर अमृत विकास तोपनो ने इस मामले को संभाग आयुक्त महादेव कावरे के संज्ञान में लाया। इसके बाद कमिश्नर ने खेमुका के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित करने का आदेश दिया। निलंबन अवधि में खेमुका का मुख्यालय जिला पंजीयन कार्यालय बिलासपुर निर्धारित किया गया है।
यह भी गौर करने वाली बात है कि आमतौर पर निलंबन के दौरान अधिकारी को उनके पदस्थापना स्थल से हटाया जाता है, लेकिन खेमुका को उनके वर्तमान पदस्थापना स्थल बिलासपुर में ही मुख्यालय दिया गया है।
इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय प्रशासन ने बताया कि यह कदम अधिकारियों और कर्मचारियों को सतर्क करने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताएँ न हों।