दिल्ली

बोतलबंद पानी हुआ हाई रिस्क फूड कैटेगरी में शामिल, FSSAI के नए नियमों से बढ़ेगी सुरक्षा

नई दिल्ली ( शिखर दर्शन )
प्यास बुझाने के लिए बोतलबंद पानी का इस्तेमाल आम है, लेकिन अब इसे सुरक्षित मानकर पीने से पहले आपको दोबारा सोचने की जरूरत है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वॉटर को “हाई रिस्क वाले खाद्य पदार्थों” की श्रेणी में शामिल करने की घोषणा की है। इस बदलाव का उद्देश्य पानी की शुद्धता और गुणवत्ता पर निगरानी बढ़ाना है, जिससे ग्राहकों को सुरक्षित पेयजल मिल सके।

नए नियम और प्रक्रियाएं

FSSAI के नए प्रावधानों के अनुसार, अब बोतलबंद पानी और मिनरल वॉटर की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए हर साल सख्त निरीक्षण और थर्ड पार्टी ऑडिट किया जाएगा। इस प्रक्रिया में, भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से सर्टिफिकेट प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त, नए लाइसेंस जारी करने या रजिस्ट्रेशन से पहले पानी की जांच की जाएगी।

यह कदम अक्टूबर में लिए गए उस निर्णय के बाद आया है, जिसमें BIS प्रमाणपत्र से जुड़ी शर्तों में बदलाव किया गया था। अब, इस श्रेणी के उत्पाद केवल आवश्यक निरीक्षण और ऑडिट के बाद बाजार में उपलब्ध होंगे।

बोतलबंद पानी में जोखिम के कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि तेज धूप या गर्मी के संपर्क में आने पर बोतलबंद पानी जल्दी खराब हो सकता है। प्लास्टिक बोतल में मौजूद पॉलीइथिलीन टेरेफ्थेलेट (PET) के लीच होने से पानी की गुणवत्ता खराब हो जाती है। इसके साथ ही, लंबे समय तक रखे गए पानी में बैक्टीरिया भी पनप सकते हैं, जो स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

शोध के अनुसार, खराब गुणवत्ता वाले बोतलबंद पानी के कारण कैंसर, हार्मोनल असंतुलन और तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि 36 कंपनियों के पैकेज्ड पानी में से 33.3 प्रतिशत बोतलों का पानी पीने योग्य नहीं था।

पानी की पैकेजिंग में भी खामियां

अध्ययन में यह भी खुलासा हुआ कि कई कंपनियां पानी की बोतलों को उन्हीं मशीनों से पैक करती हैं जो सोडा और अन्य ठंडे पेय बनाने के लिए उपयोग की जाती हैं। इससे पानी की पैकेजिंग जल्दी खराब हो जाती है। दिल्ली और गाजियाबाद में पैकेज्ड पानी में कॉपर की मात्रा अधिक पाई गई, जो FDA के मानकों के अनुरूप नहीं थी।

ग्राहकों को क्यों सतर्क रहना चाहिए?

FSSAI के इस नए कदम के पीछे का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है। बोतलबंद पानी के बढ़ते उपयोग के बीच यह सुनिश्चित करना जरूरी हो गया है कि पानी की गुणवत्ता पर कोई समझौता न हो। इसलिए, अब बोतलबंद पानी खरीदते समय FSSAI और BIS मार्क का ध्यान रखना आवश्यक है।

पैकेज्ड वॉटर का उद्देश्य दूषित पानी से बचाव करना है, लेकिन गुणवत्ता में खामियां गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती हैं। FSSAI के नए नियमों से उम्मीद है कि बोतलबंद पानी की गुणवत्ता और सुरक्षा को बेहतर बनाया जाएगा। उपभोक्ताओं को भी जागरूक होकर केवल प्रमाणित उत्पादों का उपयोग करना चाहिए।

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