अब घर बैठे होगी जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री, ‘हक त्याग’ भी होगा आसान

रायपुर ( शिखर दर्शन ) // छत्तीसगढ़ में अब लोगों को जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री के लिए पंजीयन कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। राज्य सरकार ने एक नई सेवा शुरू की है, जिसके तहत रजिस्ट्री की प्रक्रिया अब घर बैठे की जा सकेगी। हालांकि, इस सेवा का लाभ उठाने के लिए 25 हजार रुपए का शुल्क देना होगा।
नई पैड सर्विस से मिलेगी सुविधा
राज्य में पहली बार जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री के लिए एक नई पैड सर्विस की शुरुआत की गई है। इसके तहत, जो लोग पंजीयन दफ्तर में आकर रजिस्ट्री करवाना नहीं चाहते, उनके लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वे अपने घर पर ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी करवा सकते हैं, बशर्ते वे 25 हजार रुपए का शुल्क अदा करें।
विशेष टाइम स्लॉट के लिए अतिरिक्त शुल्क
अगर कोई व्यक्ति अपनी रजिस्ट्री किसी निर्धारित समय पर करवाना चाहता है, तो इसके लिए उसे 15 हजार रुपए का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। अब तक रजिस्ट्री के लिए समय स्लॉट पहले से तय किया जाता था, लेकिन इस नई व्यवस्था में लोग अपनी सुविधा अनुसार समय तय कर सकेंगे, बशर्ते वे अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करें।
हक त्याग में भी हुआ संशोधन
नई व्यवस्था में हक त्याग विलेख के जमा में भी संशोधन किया गया है। अब परिवार के सदस्य के पक्ष में रजिस्ट्री होने पर मात्र 500 रुपए का शुल्क लिया जाएगा। यह सुविधा परिवार के रिश्तेदारों जैसे पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्रवधु, भाई, बहन और पौत्र-पौत्री के लिए लागू होगी। वहीं, यदि अचल संपत्ति का विक्रय, विनिमय या दान दो अलग परिवारों के सदस्य से भिन्न व्यक्ति के पक्ष में होता है, तो इस पर रजिस्ट्री शुल्क बाजार मूल्य का चार प्रतिशत लिया जाएगा।
रजिस्ट्री की प्रक्रिया में बदलाव
पंजीयन विभाग ने रजिस्ट्रीकरण एक्ट में संशोधन किया है, जिसके तहत रजिस्ट्री की प्रक्रिया में बदलाव लाया गया है। अब रजिस्ट्री के लिए सामान्य शुल्क के अलावा 25 हजार रुपए का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। हालांकि, यह अतिरिक्त शुल्क वसीयतों, दत्तक ग्रहण अधिकार पत्रों और कुछ अन्य मामलों में लागू नहीं होगा।
अधिसूचना जारी
इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए वाणिज्यक कर (पंजीयन) विभाग ने रजिस्ट्रीकरण एक्ट में संशोधन किया है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना 6 दिसंबर को जारी की गई, जिसके बाद यह सेवा लागू हो गई है।