अंडरग्राउंड खदान में सिर पर पत्थर गिरने से दो श्रमिकों की मौत, सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल

मनेंद्रगढ़ ( शिखर दर्शन ) // एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की झिरिया अंडरग्राउंड खदान में मंगलवार को हुए दर्दनाक हादसे में दो श्रमिकों की मौत हो गई। खदान में ड्रेसिंग कार्य के दौरान छत से भारी पत्थर गिरने से यह घटना घटी। मृतकों की पहचान लखन लाल (पुत्र स्व. चरकू) और वॉल्टर तिर्की (पुत्र लजरस तिर्की) के रूप में हुई है।
हादसा छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित राजनगर उपक्षेत्र में हुआ। श्रमिकों को गंभीर हालत में सेंट्रल हॉस्पिटल मनेंद्रगढ़ ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी बनी हादसे का कारण
इस हादसे ने खदान में सुरक्षा प्रबंधन की गंभीर खामियों को उजागर किया है। श्रमिकों के अनुसार, ब्लास्टिंग के बाद ड्रेसिंग के दौरान छत को सपोर्ट देने वाले उपकरणों—जैसे रॉड और कैप्सूल—की गुणवत्ता खराब थी, जिससे छत ध्वस्त हो गई।
झिरिया अंडरग्राउंड खदान में सुरक्षा मानकों को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। श्रमिकों का आरोप है कि प्रबंधन सुरक्षा उपायों को लेकर लापरवाह है, जिसके कारण उनकी जान हमेशा खतरे में रहती है।
दोषियों पर कार्रवाई की मांग
हादसे के बाद खदान में काम करने वाले श्रमिकों में रोष है। उन्होंने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। श्रमिकों का कहना है कि खदान में सुरक्षा के लिए उपयोग किए जाने वाले सभी उपकरणों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना प्रबंधन की जिम्मेदारी है।
इस घटना को लेकर श्रमिक संगठनों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक श्रमिकों की सुरक्षा खतरे में बनी रहेगी।
क्षेत्रीय प्रशासन ने भी घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है और श्रमिकों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।