साय कैबिनेट का बड़ा फैसला: जनता चुनेगी महापौर, ओबीसी आरक्षण बढ़ा, पर्यटन को मिला उद्योग का दर्जा

रायपुर ( शिखर दर्शन ) // साय कैबिनेट की बैठक में सोमवार को कई अहम फैसले लिए गए, जो प्रदेश की राजनीति, सामाजिक ताने-बाने और अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे। इन फैसलों में नगरीय निकाय चुनाव में महापौर और अध्यक्षों का प्रत्यक्ष चुनाव, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाना, उच्च गुणवत्ता के चने का वितरण, और राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देना शामिल है।
अब जनता चुनेगी महापौर और अध्यक्ष
डिप्टी सीएम अरुण साव ने कैबिनेट बैठक के बाद जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में अब महापौर और नगर पालिका अध्यक्षों का चुनाव जनता सीधे करेगी। इसके लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 और छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम, 1961 में संशोधन किया जाएगा।
गौरतलब है कि 12 दिसंबर 2019 से महापौर और अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से पार्षदों के माध्यम से हो रहा था। लेकिन अब इसे फिर से जनता के सीधे मतदान से चुने जाने की प्रक्रिया लागू की जा रही है।
ओबीसी को मिलेगा 50% आरक्षण
कैबिनेट ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में ओबीसी के लिए आरक्षण सीमा 25% से बढ़ाकर 50% करने का निर्णय लिया है। यह फैसला पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की अनुशंसा के आधार पर लिया गया है। इसके तहत छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 में भी संशोधन किया जाएगा। इस कदम से ओबीसी समुदाय को नगरीय और पंचायत चुनावों में अधिक प्रतिनिधित्व मिलेगा।
उच्च गुणवत्ता का चना मिलेगा ई-ऑक्शन से
राज्य के 30 लाख 22 हजार परिवारों को हर महीने 2 किलो चना 5 रुपये प्रति किलो की दर से वितरित किया जा रहा है। कैबिनेट ने अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के जरिए चने का उपार्जन करने का निर्णय लिया है। यह प्रक्रिया छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से होगी, जिससे हितग्राहियों को बेहतर गुणवत्ता का चना मिल सकेगा।
पर्यटन को मिला उद्योग का दर्जा
राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान किया गया है। नई औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत पर्यटन परियोजनाओं को अब उद्योगों के समान अनुदान, रियायतें और छूट मिलेंगी।
इस फैसले से साहसिक पर्यटन, जल पर्यटन, मेडिकल एवं वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म जैसी परियोजनाओं में निवेश बढ़ने की संभावना है। राज्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाओं का विकास होगा, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और प्रदेश का आर्थिक विकास तेज होगा।
कैबिनेट के अन्य प्रमुख निर्णय
- नगरीय निकायों में महापौर और अध्यक्ष का प्रत्यक्ष चुनाव।
- ओबीसी आरक्षण की सीमा 50% तक बढ़ाने का निर्णय।
- ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से चना उपार्जन की अनुमति।
- राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर निजी निवेश को बढ़ावा।
इन निर्णयों से छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में व्यापक बदलाव की उम्मीद है।