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खैरागढ़ नगर पालिका में भ्रष्टाचार का नया खुलासा: स्वच्छता श्रृंगार योजना में सरकारी पैसों की बंदरबांट!

खैरागढ़ नगर पालिका एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में है। इस बार सार्वजनिक शौचालयों की सफाई और देखभाल के लिए आवंटित 10.93 लाख रुपये की राशि में गड़बड़ी का बड़ा खुलासा हुआ है। स्वच्छता श्रृंगार योजना के तहत यह राशि सार्वजनिक शौचालयों की नियमित सफाई और देखभाल के लिए जारी की गई थी, लेकिन खैरागढ़ के शौचालयों की हालत देखकर यह साफ़ हो जाता है कि सफाई के नाम पर केवल कागजों पर ही काम हुआ है।

खराब हालत में शौचालय, फिर भी हो रहा है भुगतान
भिलाई की शोभा वेलफेयर एजेंसी को खैरागढ़ के 19 शौचालयों की सफाई और देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इनमें से कुछ शौचालयों, जैसे इटवारी बाजार और पुराने थाने के पास, में 24 घंटे केयरटेकर रखने की शर्त भी जोड़ी गई थी। लेकिन पिछले चार सालों में इन शौचालयों में कोई सफाई कर्मचारी नहीं दिखा है। शौचालयों की स्थिति यह है कि टाइल्स टूटे हुए हैं, कोने गंदगी से भरे हैं, और वहां दुर्गंध फैली हुई है। इसके बावजूद हर महीने 1.8 लाख रुपये एजेंसी को भुगतान किया जा रहा है।

भ्रष्टाचार के अन्य मामले
यह पहली बार नहीं है जब खैरागढ़ नगर पालिका पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा हो। इससे पहले भी जिम सामग्री खरीद में 37 लाख रुपये का घोटाला और आरसीसी कुर्सी घोटाले में लाखों रुपये की अनियमितता सामने आई थी। जिम सामग्री के नाम पर बिना कोई सामान खरीदे लाखों रुपये का भुगतान कर सरकार को चूना लगाने के आरोप में सीएमओ को निलंबित किया गया था। वहीं, आरसीसी कुर्सी घोटाले में नगर पालिका ने जितना पैसा खर्च किया, उस राशि से शहर में हजारों कुर्सियाँ खरीदी जा सकती थीं, लेकिन केवल सौ से दो सौ कुर्सियाँ ही नगर पालिका में दिखाई दीं।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
इस पूरे मामले पर सांसद प्रतिनिधि भागवत शरण सिंह ने कहा, “कांग्रेस शासनकाल में अध्यक्ष और अधिकारियों ने मिलकर ऐसी योजनाएं बनाई ताकि सरकारी पैसों की बंदरबांट की जा सके। भाजपा सरकार आने के बाद सीएमओ पर कार्रवाई हुई है, और आगे भी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

वहीं, विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने आरोप लगाया, “तत्कालीन सीएमओ कुलदीप झा और अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा के संयुक्त हस्ताक्षर से भुगतान हुआ था। शिकायत के बाद सीएमओ को निलंबित किया गया, लेकिन अध्यक्ष ने भाजपा में शामिल होकर जांच को रुकवा दिया। स्वच्छता श्रृंगार के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला हुआ है, और भाजपा नगर पालिका को भ्रष्टाचार का केंद्र बना रही है। कांग्रेस इस मुद्दे पर रायपुर में शिकायत और खैरागढ़ में विरोध प्रदर्शन करेगी। विधायक यशोदा वर्मा के नेतृत्व में कांग्रेस सख्त कदम उठाएगी।”

नगर पालिका और प्रशासन पर सवाल
खैरागढ़ के सीएमओ प्रमोद शुक्ला ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मीडिया से मामले की जानकारी मिलने के बाद ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है और अन्य आरोपों की जांच चल रही है।” हालांकि, इस मामले ने खैरागढ़ नगर पालिका की कार्यशैली और प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खैरागढ़ जिला मुख्यालय ने अब तक तीन कलेक्टर देखे हैं, लेकिन नगर पालिका में चल रही बंदरबांट और शहर की खराब स्थिति को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी कहीं ना कहीं प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर करती है।
खैरागढ़ नगर पालिका का यह मामला ना सिर्फ भ्रष्टाचार को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रशासनिक और राजनीतिक संरक्षण के चलते किस तरह से सरकारी पैसे की बर्बादी हो रही है। इस मामले की गहन जांच और ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि स्थानीय लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित सार्वजनिक सुविधाएं मिल सकें।

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